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रूस में तीसरे कोविड-19 वैक्सीन ' CoviVac' को मिली मंजूरी

पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है। इससे छुटकारा पाने के लिए पूरी दुनिया वैक्सीन व इलाज के विभिन्न तरीकों को खोजने में जुटी है। इसमें सबसे पहले वैक्सीन विकसित करने वाले देश रूस में अब तीसरे कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 01:54 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 01:54 PM (IST)
रूस में तीसरे कोविड-19 वैक्सीन ' CoviVac' को मिली मंजूरी
रूस ने ही विकसित किया था दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन

मॉस्को, रॉयटर्स। दुनिया में सबसे पहले कोविड-19 वैक्सीनेशन की शुरुआत करने वाले रूस (Russia) ने शनिवार को देश में इस्तेमाल के लिए तीसरे कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी। यह जानकारी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन  (Prime Minister Mikhail Mishustin) ने स्थानीय टीवी चैनल पर दी। हालांकि कोविवैक (CoviVac) नामक इस वैक्सीन के शॉट का क्लिनिकल ट्रायल अब शुरू होने वाला है। इस वैक्सीन का उत्पादन चुमाकोव सेंटर (Chumakov Centre) की ओर से किया गया। रूस ने पहले ही दो कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी है जिसमें स्पुतनिक V शॉट भी शामिल है।

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स्पुतनिक वैक्सीन को मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट में विकसित किया गया। शुरुआत में इस वैक्सीन को लेकर पश्चिमी देशों में विवाद छिड़ गया था लेकिन वैक्सीनेशन की प्रक्रिया आरंभ होने के बाद इसके परिणामों ने सबको शांत करा दिया। स्पुतनिक V को अगस्त माह में मंजूरी दी गई और इसके लिए अंतिम चरण के ट्रायल की शुरुआत सितंबर माह में की गई। दिसंबर में रूस ने व्यापक तौर पर वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी। 

कोविवैक शॉट की दो खुराक 14 दिन के अंतर में लोगों को दिया जाएगा। इसका ट्रांसपोर्ट सुविधाजनक तरीके से होता है और इसे सामान्य फ्रीज के तापमान पर रखा जा सकता है यानि इसके लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान पर्याप्त है। यह जानकारी उप प्रधानमंत्री तातियाना गोलिकोवा ने जनवरी में एक सरकारी ब्रीफिंग के दौरान दी। इस वैक्सीन की खुराक को 200 लोगों पर परीक्षण किया गया जिसमें 18 से 60 साल की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया।

वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वैश्विक कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा 11 करोड़ से अधिक हो गया है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, अब तक 2.45 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया में संक्रमण के कारण सबसे बुरा हाल अमेरिका का है जहां अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 28,004,311 है और मरने वालों की संख्या 495,693 है।


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