विक्ट्री परेड के जरिए समर्थन हासिल कर खुद की साख बनाए रखने की है पुतिन की मंशा
संविधान संशोधन कर खुद को 2036 तक सत्ता में बनाए रखने के लिए अपना पक्ष मजबूत बनाने की कड़ी में रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन विक्ट्री परेड का इस्तेमाल करने की मंशा रखते हैं।
मॉस्को, एपी। कोरोना वायरस महामारी के कारण रद भव्य रूसी सैन्य परेड (Russian military parade) का आयोजन 24 जून को किया जाएगा जो रेड स्कवायर के करीब होगा। इस परेड के जरिए रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन द्वारा केवल देश की ताकत का प्रदर्शन करना नहीं बल्कि खुद को सत्ता में 2036 तक बनाए रखना भी है। पुतिन पहली बार 2000 में देश के राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति के पद पर दूसरा कार्यकाल 2012 से शुरू हुआ है जो कि 2024 तक है, लेकिन पुतिन ने अपने तीसर कार्यकाल के लिए अपना पक्ष अभी से मजबूत बनाना शुरू कर दिया है। संवैधानिक बदलाव को लेकर 3 दिन बाद 25 जून से 1 जुलाई तक देशभर में वोटिंग होगी। अगर संविधान में संशोधन हो जाता है तो राष्ट्रपति के रूप में पुतिन 6-6 साल के लिए दो बार राष्ट्रपति बन सकते हैं।
नए संशोधन के अनुसार पुतिन रूस में वर्ष 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। अभी रूस में संविधान संशोधन का काफी विरोध किया जा रहा है। यह विक्ट्री परेड यूरोप में खत्म हुए द्वितीय विश्व युद्ध के मौके पर हर साल आयोजित किया जाता है। हालांकि रूस में अभी भी कोविड-19 संक्रमण के मामले आ ही रहे हैं। मिलिट्री हॉलीडे के तौर पर विक्ट्री डे रूस और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (बाल्टिक और यूक्रेन को छोड़कर) के लगभग सभी सदस्य देशों द्वारा मनाया जाता है। रूस की राजधानी मास्को और मुख्य राजधानी शहरों में हर साल मनाया जाने वाला यह विक्ट्री डे रूस सरकार द्वारा उत्सव की तरह मनाया जाता है।
पहले विक्ट्री डे परेड (Victory Day Parade) का आयोजन 24 जून 1945 को किया गया था। इसमें रूसी सैनिकों ने मॉस्को के लिए नाजियों से तो लड़ाई लड़ी ही थी साथ ही लेनिनग्राड और स्टालिनग्राड की भी रक्षा की थी। इसके बाद रेड स्क्वायर पर शानदार विक्ट्री डे परेड निकाली गई थी।