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पुतिन के संवैधानिक सुधारों पर संसद के निचले सदन की मुहर, 450 में से 432 सांसदों का समर्थन

संवैधानिक सुधारों को मंजूरी देते हुए निचले सदन में गुरुवार को हुए मतदान में 450 में से 432 सांसदों ने इनका समर्थन किया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 04:21 PM (IST)
पुतिन के संवैधानिक सुधारों पर संसद के निचले सदन की मुहर, 450 में से 432 सांसदों का समर्थन
पुतिन के संवैधानिक सुधारों पर संसद के निचले सदन की मुहर, 450 में से 432 सांसदों का समर्थन

मॉस्को, आइएएनएस। रूस की संसद के निचले सदन ड्यूमा ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा प्रस्तावित संवैधानिक सुधारों को मंजूरी दे दी है। निचले सदन में गुरुवार को हुए मतदान में 450 में से 432 सांसदों ने इनका समर्थन किया। अब उच्च सदन की मंजूरी से पहले प्रस्ताव पर संशोधन का सुझाव देने के लिए सांसदों के पास 15 दिन का समय है।

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व्यापक संवैधानिक सुधारों की पुतिन की पेशकश के बाद प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव और उनकी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। संविधान में बदलाव के प्रस्तावों पर देश में जनमत संग्रह कराया जाएगा। नए बदलाव के बाद सत्ता की चाबी राष्ट्रपति के बजाय संसद के पास होगी।

सत्तारूढ़ यूनाइटेड रशिया पार्टी के सर्गेई नेवरोव ने शुक्रवार को कहा, हमने सभी सांसदों से आह्वान किया था कि वे हमारे राष्ट्रीय नेता पुतिन द्वारा प्रस्तावित संविधान के महत्वपूर्ण परिवर्तनों का समर्थन करें। सभी सांसदों ने ऐसा किया और वह भी सिर्फ दो घंटे में। विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। ड्यूमा में यूनाइटेड रशिया पार्टी और अति राष्ट्रवादी सोशल डेमोक्रेट्स का ही प्रतिनिधित्व है। एक दशक से अधिक समय से रूस की संसद में किसी उदार या कट्टरपंथी पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं है।

संविधान संशोधन प्रस्ताव रखे जाते समय सामाजिक नीतियों को बताने पर जोर दिया गया। इनमें न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम पेंशन जैसी योजनाएं शामिल थीं। कई नेताओं और विश्लेषकों का कहना है कि जब तक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पद के किसी उम्मीदवार का प्रस्ताव नहीं करते तब तक ड्यूमा क्रेमलिन (राष्ट्रपति भवन) पर निर्भर रहेगी। आलोचकों ने संवैधानिक सुधारों में पारदर्शिता का अभाव बताया है।


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