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मास्को में तालिबान ने की अफगान नेताओं से वार्ता, महिलाओं ने की अपने अधिकारों की वकालत

Afghan Peace Talk, तालिबान ने महिला सहित उच्चस्तरीय अफगान नेताओं के साथ अप्रत्याशित वार्ता शुरू की। मास्को में मंगलवार को शुरू हुई वार्ता से अलग रखे गए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अंतरिम सरकार के लिए अपील की।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 08:26 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 08:26 AM (IST)
मास्को में तालिबान ने की अफगान नेताओं से वार्ता, महिलाओं ने की अपने अधिकारों की वकालत
मास्को में तालिबान ने की अफगान नेताओं से वार्ता, महिलाओं ने की अपने अधिकारों की वकालत

मास्को, एएफपी। तालिबान ने महिला सहित उच्चस्तरीय अफगान नेताओं के साथ अप्रत्याशित वार्ता शुरू कर दी है। मास्को में मंगलवार को शुरू हुई वार्ता से अलग रखे गए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अंतरिम सरकार के लिए अपील की है। तालिबान ने अफगानिस्तान के लिए अपना विचारों को रेखांकित किया। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई सहित कद्दावरों के सामने टेलीवाइज्ड वार्ता में तालिबान ने महिलाओं के लिए नियम और इस्लामिक संविधान की मंजूरी को रखा है। अफगान नेताओं के साथ वार्ता शुरू करने से पहले तालिबान ने कट्टर शत्रु रहे कुछ नेताओं के साथ नोंकझोंक की। गोलमेज पर महिलाओं ने तालिबान के सामने अपने अधिकार की वकालत की।

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25 फरवरी को अगले दौर की वार्ता 

अफगानिस्तान में 17 साल से जारी संघर्ष खत्म कराने के प्रयास में अमेरिका से लेकर रूस तक जुटे हैं। कतर में तालिबान के साथ अमेरिकी अधिकारियों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है। अगले दौर की वार्ता 25 फरवरी को होने वाली है।

अमेरिका ने तालिबान से अफगान की धरती को दोबारा आतंकवाद का अड्डा नहीं बनने की गारंटी मिलने पर इस देश से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की उत्सुकता दिखाई है। हाल में अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के प्रतिनिधियों ने कतर में छह दिनों तक वार्ता की थी। इसमें दोनों पक्षों में समझौते को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिका समर्थित गनी सरकार खुद को असहज महसूस कर रही है, क्योंकि तालिबान ने पहले उसके शांति वार्ता के प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया और फिर उसे वार्ता में शामिल होने से रोक दिया।

वॉशिंगटन डीसी के विल्सन सेंटर के विश्लेषक माइकल कगेलमैन ने कहा, 'यह दुखद व्यंग्य है कि अफगान सरकार अपनी ही शांति प्रक्रिया की पटकथा लिखने से बाहर होने के खतरे में है।' अफगानिस्तान मामलों के विशेषज्ञ फ्रांसीसी शोधकर्ता गिल्स डोर्रोसोरो ने कहा कि यह बड़ी अनदेखी है, क्योंकि अमेरिका के बगैर अफगान सरकार बची नहीं रह सकती।

अस्थायी समझौते के आगे सरेंडर नहीं करेंगे गनी

अफगान राष्ट्रपति गनी ने मास्को में चल रही वार्ता पर कहा, 'मेरे शरीर में अगर खून का एक कतरा भी बचा रहता है तब भी मैं अस्थायी शांति समझौते के आगे सरेंडर नहीं करूंगा।' गनी के सहयोगी अमरुल्ला सालेह ने मॉस्को गए पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत दूसरे अफगान नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आतंकियों से भीख मांग रहे हैं।

अफगान महिलाएं बोलीं, हमें सियासी हथियार ना बनाएं

अफगानिस्तान की महिलाओं ने नेताओं से आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि आतंकियों के साथ किसी समझौते में उनके अधिकारों का सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल न किया जाए। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में महिलाओं को कठोर नियमों का सामना करना पड़ता था।


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