रूस में नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर फिर उमड़ा जनसैलाब, हिरासत में 5000 लोग
रूस में पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सेई नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में फिर सड़कों पर उमड़ा सैलाब। पत्नी और प्रवक्ता सहित 4700 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में। माइनस 42 डिग्री तापमान वाले शहरों में भी जनता ने किया प्रदर्शन।
मास्को, एजेंसियां। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सेई नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे रूस में फिर एक बार सड़कों पर सैलाब उमड़ पड़ा। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। पुलिस ने नवलनी की पत्नी, उनकी प्रवक्ता सहित 5000 से ज्यादा समर्थकों को हिरासत में लिया है। नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में लगातार दूसरे सप्ताह इस रविवार को भी रूस के कई शहरों में विरोध में प्रदर्शन किए गए। पुलिस की कठोर कार्रवाई का भी प्रदर्शनकारियों में कोई भय नहीं दिखा। राजधानी मास्को में प्रदर्शन रोकने के लिए सिक्योरिटी लॉकडाउन कर दिया गया था। मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे। मॉल और बाजारों को भी बंद करा दिया गया था।
इन सभी सुरक्षा प्रबंधों के बीच मास्को में प्रदर्शनकारियों का सैलाब उमड़ पड़ा। नवलनी जहां बंद किए गए हैं, उस जेल की तरफ प्रदर्शनकारियों का एक दल बढ़ने लगा। यहां अफरातफरी का माहौल हो गया। पुलिस ने राजधानी मास्को से ही दो हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। इनमें नवलनी की पत्नी यूलिया नवलनी और उनकी प्रवक्ता कीरा यार्मयूश भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या पचास हजार से ज्यादा थी। रूस के अन्य शहरों में भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। ओवीडी-इंफो के मुताबिक कुल 4,700 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
रूस के साइबेरिया और सुदूर पूर्वी क्षेत्र के कई शहरों में भी प्रदर्शन किए गए। व्लाडीवोस्टक में बड़ी रैली निकाली गई। यहां कड़ाके की सर्दी के बाद भी सैकड़ों प्रदर्शनकारी थे। -13 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी लोगों ने भाग लिया। साइबेरिया के टोम्स्क में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने पुतिन के खिलाफ नारेबाजी की। साइबेरिया के एक अन्य शहर याकटस्क में माइनस 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी नवलनी समर्थकों ने प्रदर्शन किया। रूस के समारा, पर्म, सेंट पीट्सबर्ग शहर में भी प्रदर्शन हुए। ज्ञात हो कि 17 जनवरी को पांच माह बाद इलाज कराके लौटे नवलनी को मास्को में गिरफ्तार कर लिया गया था।
नवलनी को जहर दिए जाने के बाद इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया था। रूसी सरकार पर ही उनको जहर देने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में पिछले सप्ताह ही राजधानी मास्को सहित डेढ़ दर्जन से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन हुए थे।