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सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री का निधन, गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट में थी अहम भूमिका

उन्‍होंने रूस की राजधानी मास्‍को में अंतिम सांस ली। दिमित्री मिखाइल गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट किया था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 03:21 PM (IST)
सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री का निधन, गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट में थी अहम भूमिका
सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री का निधन, गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट में थी अहम भूमिका

मास्‍को, एजेंसी । सोवियत संघ के अंतिम मार्शल दिमित्री याजोव का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रूस में सोवियत संघ के वह अंतिम मार्शल थे। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दिमित्री लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। उन्‍होंने रूस की राजधानी मास्‍को में अंतिम सांस ली। दिमित्री ने मिखाइल गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई थी।  

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1987 और 1991 के बीच रहे रक्षा मंत्री 

1987 और 1991 के बीच रक्षा मंत्री दिमित्री ने मार्शल के पद बैठने के एक साल बाद अगस्त 1991 में गोर्बाचेव के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास में भाग लिया। हालांकि, उनका यह तख्तापलट विफल हो गया था। इससे जुड़े लोगों को तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। अलबत्‍ता इस प्रयास के बाद सोवियत संघ का पतन सुनिश्चित हो गया। अंततः दिसंबर 1991 सोवियत संघ को भंग कर दिया गया। इसके बाद दिमित्री को जेल में डाल दिया गया।

दिमित्री को 1993 में जेल से रिहा किया गया

1993 में जेल से रिहा किया गया और 1994 में असफल तख्तापलट में उनकी भूमिका के लिए माफी दी गई। 4 फरवरी को रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने उन्हें फॉर मेरिट टू द फादरलैंड पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी सम्‍मानित किया था। उन्हें 2004 में ऑर्डर ऑफ ऑनर और 2014 में ऑर्डर अलेक्जेंडर नेवस्की से सम्मानित किया था। 


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