रूस से बड़ी मात्रा में कोयला खरीदेगा भारत, खनन के दूसरे क्षेत्रों पर भी विचार विमर्श
रूस के फार ईस्ट क्षेत्र से कोकिंग कोल लाने पर विमर्श। भारत ने मांगा विशेष रियायत प्रधान कर रहे हैं वार्ता
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र (फार ईस्ट रीजन) से आर्थिक संबंध प्रगाढ़ करने में जुटा भारत चाहता है कि रूस की सरकार उसे विशेष रियायती दर पर कोयला बेचे। भारत इस क्षेत्र से बड़ी मात्रा में कोयला खरीदने की अपनी इच्छा जता दी है। मंगलवार को पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान की फार ईस्ट रसिया इंवेस्टमेंट व एक्सपोर्ट एजेंसी के सीईओ लियोनाड पेटुकोव के साथ हुई बैठक में इन सभी संभावनाओं पर विचार किया गया।
इस बैठक में नई दिल्ली में रूस के राजदूत के अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय, स्टील मंत्रालय व कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बातचीत में रूस के इस क्षेत्र से कोयला आयात करने के साथ ही खनन के दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग स्थापित करने की संभावनाओं पर विचार किया गया।
सनद रहे कि तीन महीने पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने फार ईस्ट रूस की यात्रा की थी और ना सिर्फ वहां भारत की तरफ से निवेश का ऐलान किया था बल्कि वहां के समाजिक विकास में भी योगदान देने की बात हुई थी। उसके बाद पेट्रोलियम मंत्री प्रधान रूस की दो बार यात्रा कर चुके हैं।
नई दिल्ली में संपन्न हुई इस क्रम की तीसरी बैठक थी। अगले चरण में रूस के उक्त क्षेत्र से भारत के पूर्वी तट पर स्थित बंदरगाहों के बीच संपर्क स्थापित करना है। मंगलवार को हुई बैठक में भारत की तरफ से रूस को यह भी प्रस्ताव किया गया कि वह पोर्ट के विकास के साथ ही रेल नेटवर्क के विकास में भी मदद करे। इसके साथ ही प्रधान ने यह भी कहा कि रूस की एजेंसी भारत को कोकिंग कोल निर्यात करने के लिए क्या रियायत दे सकती है, इसका स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए। भारत सालाना 5 करोड़ टन कोकिंग कोल आयात करता है और रूस में काफी बड़ी मात्रा में इसका भंडार है और इसकी कीमत भी काफी किफायती हो सकती है।