महिलाओं की समान भागीदारी के लिए सोच बदलें : सोनिया गांधी
सोनिया ने कहा कि रातों रात बदलाव नहीं लाया जा सकता, इसलिए आने वाले समय में प्रगतिशील सोच वाले पुरुषों के साथ मिलकर इसे संभव बनाया जा सकता है।
सेंट पीटर्सबर्ग, प्रेट्र। सरकारी दफ्तरों और कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए समान भागीदारी की वकालत करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए कानून की बजाय लोगों की सोच में परिवर्तन जरूरी है।
दूसरी यूरेशियन वूमैन फोरम को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, 'यह बेहद आश्चर्यजनक है कि पिछले साल तक दुनिया के सिर्फ दो देशों की संसद के किसी सदन में महिलाओं का 50 फीसद (या अधिक) प्रतिनिधित्व था। दुनियाभर के सांसदों में से 25 फीसद से भी कम महिलाएं हैं। इससे भी कम अनुपात में महिलाएं सरकार में मंत्री हैं।'
उन्होंने कहा कि रातों रात बदलाव नहीं लाया जा सकता, इसलिए आने वाले समय में प्रगतिशील सोच वाले पुरुषों के साथ मिलकर इसे संभव बनाया जा सकता है। संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण प्रदान करने संबंधी विधेयक को पारित कराने की अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सोनिया ने कहा कि यह भारत की महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।