Move to Jagran APP

पाक में आज मतपेटियों में बंद हो जाएगी कई नेताओं की किस्‍मत, जानें इनका प्रोफाइल

तमाम सर्वे बता रहे हैं कि सेना समर्थित इमरान खान की पार्टी को बढ़त मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 10:26 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 12:51 PM (IST)
पाक में आज मतपेटियों में बंद हो जाएगी कई नेताओं की किस्‍मत, जानें इनका प्रोफाइल
पाक में आज मतपेटियों में बंद हो जाएगी कई नेताओं की किस्‍मत, जानें इनका प्रोफाइल

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आज आम चुनाव हैं। यहां की राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली की करीब 850 सीटों पर लगभग 12 हजार उम्मीवारों की किस्मत मतपेटी में कैद हो जाएगी। प्रधानमंत्री बनने के प्रमुख उम्मीदवारों में तीन सबसे आगे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के आलाकमान इमरान खान, नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के मौजूदा प्रमुख शाहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो।

prime article banner

हालांकि तमाम सर्वे बता रहे हैं कि सेना समर्थित इमरान खान की पार्टी को बढ़त मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इमरान खान न सिर्फ सेना के समर्थक हैं बल्कि आतंकी संगठनों को भी बेहद तव्वजो देते हैं। हालांकि पाकिस्तानी चुनावों की खास बात यह है कि जीत चाहे किसी की भी हो, सत्ता पर हुकूमत पाकिस्तानी फौज की ही होती है।

इमरान खान (65 वर्ष)

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पांच सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। इस्लामाबाद 2, कराची ईस्ट 2, लाहौर 9, मियांवाली 1 और बन्नू। 26 साल पहले मेलबर्न में पाकिस्तान को क्रिकेट का विश्व विजेता बनाने वाले पूर्व इमरान खान अब सत्ता की बाजी जीतने के लिए दम लगा रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि पंजाब प्रांत की 141 सीटों में से वे बहुमत की 137 सीटें आराम से जीत लेंगे। यहां उन्हें लोगों का गजब समर्थन मिला है। 

खास बात यह है कि इस प्रांत में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बहुत बोलबाला था। लेकिन इसी महीने नवाज और उनकी बेटी मरयम के जेल चले जाने के बाद इमरान खान ने सियासी रसूख वालों को अपने साथ जोड़ लिया है। इन्ही लोगों के हाथ में प्रांत की एक चौथाई से भी अधिक सीटें हैं। हाल ही में पाकिस्तान में हुए राष्ट्रीय स्तर के सर्वे बताते हैं कि तीनों दावेदारों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। ऐसे में इमरान खान गठबंधन की सरकार बनाने के सख्त खिलाफ हैं।

शाहबाज शरीफ (66 वर्ष)

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज छह सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। स्वात 2, लाहौर 10, कराची वेस्ट 2, डीजी खान 4, लाहौर 21 और लाहौर 22 नवाज शरीफ की पार्टी को अब उनके छोटे भाई शाहबाज शरीफ संभाल रहे हैं। अब तक वे पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे। यहां पाकिस्तान की कुल आबादी में से आधी रहती है। इमरान खान की ही तरह वे सिंध प्रांत की राजधानी और पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में सीट जीतने की उम्मीद में हैं। कयास है कि नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के बाद पार्टी को सहानुभूति के आधार पर वोट मिल सकते हैं। एक तरफ इमरान खान ने पंजाब में सत्ता के रसूखदार लोगों को अपनी तरफ कर लिया है, दूसरी तरफ दो नई कट्टर इस्लामी पार्टियां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के रूढ़िवादी वोट बैंक पर डाका डाल सकती हैं। सरगोधा में हुई एक रैली में शाहबाज ने वादा किया कि पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की जैसा महान बनाएंगे। बिजली की कटौती की समस्या को खत्म करने का वादा करने के साथ उन्होंने यह भी दावा किया भारतीय जब वाघा बॉर्डर पर आएंगे तो पाकिस्तानियों को अपना मालिक कहेंगे।

बिलावल भुट्टो जरदारी (29 वर्ष)

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी चार सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। ल्यारी, मलकंद, लोवर दिर 1, लरकाना 1 बिलावल के परिवार से दो पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व राष्ट्रपति रहे हैं। उनके नाना जुल्फिकार अली भुट्टो को सैन्य तख्तापलट के बाद फांसी दे दी गई। 2007 में चुनाव प्रचार के दौरान उनकी मां और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे। कई लोग पाकिस्तान के इस राजनीतिक परिवार को अमेरिका के केनेडी परिवार के बराबर देखते हैं। इमरान खान की ही तरह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े बिलावल प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी कम से कम इतनी सीटें तो जीतेगी कि किंगमेकर साबित हो सके। हालांकि पीपीपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आसिफ अली जरदारी की छवि के प्रभाव से बाहर आना है।

भारत के लिए चुनौती बनेंगे इमरान

इस बार पाकिस्तान के आम चुनाव बहुत रोचक होने वाले हैं। राजनीति के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक नवाज शरीफ जेल में हैं और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान जीत के दावेदारों में सबसे आगे हैं। उनके बारे में विरोधी पार्टियों के विचार बहुत अच्छे नहीं हैं। उन्हें आतंक का हिमायती कहा जा रहा है। लिहाजा उनकी जीत भारत के लिए खतरे की घंटी बन सकती है।

कार्यशैली से अनजान भारत

पीपुल्स पार्टी ऑफ पाकिस्तान और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टियों की कार्यशैली और विचारधारा से भारत परिचित है। इनमें से किसी के भी सत्ता में आने से भारत के लिए अपनी रणनीतियां बनाना आसान होगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की कार्यशैली और विचारधारा से भारत अनभिज्ञ है। ऐसे में इमरान के पीएम बन जाने से भारत बड़े मुद्दों पर कयास लगाने के और कुछ नहीं कर पाएगा।

पाक सेना के खास इमरान

इमरान सेना के खास लोगों में गिने जा रहे हैं। उनकी पार्टी ऐसी अकेली थी जिसने जिहादी संगठनों के साथ बातचीत करने की बात कही। उन्होंने कट्टरपंथी आतंकी संगठनों को देश में समायोजित करने पर इतना जोर दिया है कि उन्हें ‘तालिबानखान’ नाम दिया गया है। पाकिस्तानी सेना इमरान को जिताने के लिए पूरा जोर लगा रही है। पाकिस्तानी सेना नहीं चाहती है कि निर्णय लेने की ताकत किसी भी सिविलियन सरकार के हाथों में आए, खासतौर से विदेश नीति और कूटनीतिक मामलों से जुड़े फैसले। बिलावल और शाहबाज की पार्टियां पूर्व में भारत के साथ शांति बहाली की बात कह चुकी हैं। ऐसे में इमरान खान ही ऐसे नेता हैं जो रूढ़िवादी राजनीति और सैन्य अनुपालन में संतुलन बना के रखेंगे।

आतंकी पार्टियों से खतरा

आतंकी हाफिज सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग नाम की पार्टी बनाकर चुनाव में उतरने की कोशिश की, लेकिन पार्टी को अनुमति नहीं मिली। इसके बाद सईद ने 265 उम्मीदवारों को नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभा के लिए मैदान में उतारा। यह सभी उम्मीदवार अल्लाहो-अकबर तहरीक के टिकट पर खड़े हुए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर इमरान की पार्टी बहुमत जुटाने में नाकाम भी रही तो हाफिज सईद के उम्मीदवार शाहबाज की पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए इमरान की पार्टी से हाथ जोड़ सकते हैं। ऐसी गठबंधन की सरकार निश्चित रूप से भारत के लिए खतरनाक साबित होगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.