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UK PM Election: ब्रिटिश पीएम पद के मुकाबले में ऋषि सुनक पिछ़़डे, कंजरवेटिव पार्टी के सर्वे में भी ट्रस ने बाजी मारी

कंजरवेटिव पार्टी की होम वेबसाइट पर हुए सर्वे में 60 प्रतिशत वोट ट्रस को और 28 प्रतिशत वोट सुनक को मिले हैं। पार्टी के 961 सदस्यों ने आनलाइन वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इनमें से नौ प्रतिशत ने डोंट नो कैटेगरी को टिक किया।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 05:48 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 05:48 AM (IST)
UK PM Election: ब्रिटिश पीएम पद के मुकाबले में ऋषि  सुनक पिछ़़डे, कंजरवेटिव पार्टी के सर्वे में भी ट्रस ने बाजी मारी
कंजरवेटिव पार्टी के सर्वे में ट्रस ने बाजी मारी

लंदन, एजेंसियां। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे विदेश मंत्री लिज ट्रस की स्थिति मजबूत होती जा रही है। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के भीतर हुए सर्वे में भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक पिछ़़डते नजर आ रहे हैं।

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कंजरवेटिव पार्टी की होम वेबसाइट पर हुए सर्वे में 60 प्रतिशत वोट ट्रस को और 28 प्रतिशत वोट सुनक को मिले हैं। पार्टी के 961 सदस्यों ने आनलाइन वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इनमें से नौ प्रतिशत ने डोंट नो कैटेगरी को टिक किया। इस प्रकार से प्रधानमंत्री पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच 32 प्रतिशत मतों का बड़ा अंतर रिकार्ड किया गया।

इस सर्वे रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए कंजरवेटिव होम ने कहा है कि मतों का यह अंतर अंत तक बरकरार रहने की उम्मीद है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा कराए गए सर्वे में ट्रस के पक्ष में मतों का प्रतिशत 70-30 या 60-40 रहने की उम्मीद जताई जा रही है। विदित हो कि कंजरवेटिव पार्टी के करीब दो लाख सदस्य दोनों प्रत्याशियों के लिए मतदान करेंगे। यह मतदान पांच सितंबर से पहले हो जाना है। पांच सितंबर को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के नाम का एलान होगा।

प्रेक्षकों का मानना है कि टैक्स लगाने के मुद्दे पर ट्रस ने पहले ही बढ़त ले ली है। महंगाई से जूझ रहे लोगों को अब कोई नया टैक्स नहीं चाहिए। ब्रिटेन में इस समय खाद्य पदार्थो और बाकी जरूरी वस्तुओं के मूल्य काफी बढ़े हुए हैं। महंगाई 10.1 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जो बीते 40 साल में सर्वाधिक है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने बुधवार को बताया कि आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए वार्षिक मुद्रास्फीति अब 12.7 प्रतिशत पर चल रही है, जो जून के 9.8 प्रतिशत से अधिक है।

यह वृद्धि मुख्य रूप से खाने-पीने के सामान और उर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण दर्ज की गई है। ब्रेड, दूध, पनीर और अंडे जैसी बुनियादी चीजों की कीमतों में वृद्धि को महंगाई दर में इजाफे का कारण माना जा रहा है।


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