लेखक ने प्रवासी भारतीयों से किया आग्रह, कश्मीर की वैश्विक छवि को कम करने वाले पाक के दुष्प्रचार को ध्वस्त करने की कही बात
Global Image Of Kashmir श्रीनगर के एक पत्रकार ने कहा- पाकिस्तानी प्रचार घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए इस्लामिक खिलाफत के विचार को फैला रहा है। उन्होंने कहा कि वे लोग संयुक्त राष्ट्र के पुराने प्रस्तावों का उपयोग कर रहे हैं।
लंदन, एजेंसी। श्रीनगर के एक पत्रकार का शनिवार को बड़ा बयान समाने आया। उन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तानी नैरेटिव का भंडाफोड़ करते हुए लंदन में कश्मीरी प्रवासियों से इस्लामाबाद के प्रचार को रोकने का आग्रह किया है, बता दें कि यह नैरेटिव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घाटी की छवि को खराब करने से भरा है। मीडिया रिपोर्टों में इस बात कि जानकारी दी गई। रिपोर्टों के अनुसार, लंदन की एक सभा में कश्मीरी कार्यकर्ता बशीर असद ने बताया कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
कश्मीरी कार्यकर्ता बशीर असद ने कहा-
- पाकिस्तानी प्रचार घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए इस्लामिक खिलाफत के विचार को फैला रहा है। वे संयुक्त राष्ट्र के पुराने प्रस्तावों का उपयोग करते हुए, वैश्विक दर्शकों से समर्थन प्राप्त करने के लिए जनमत संग्रह का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि घाटी पर झूठे आख्यानों को रोकने का समय आ गया है।
समाचार एजेंसी एएनआइ अनुसार, जम्मू-कश्मीर में शांति-निर्माण की पहल में लगे लेखक्से क बशीर असद ने ढेरों बात कही। उन्होंने वास्तविक कहानियों को पाकिस्तानी कथा से बहुत दूर बताते हुए पाकिस्तान का पर्दाफाश किया। बशीर असद खासतौर पर कश्मीर पर तीन प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें के फाइल: द कॉन्सपिरेसी ऑफ साइलेंस एंड कश्मीर, द वॉर ऑफ नैरेटिव्स - एन इनसाइडर्स पर्सपेक्टिव और कश्मीर परे अनुच्छेद 370 शामिल हैं।
आपको बता दें कि जिस कार्यक्रम में पत्रकार बशीर असद ने यह सब कहा, वह कार्यक्रम दक्षिण मध्य एशिया शैक्षणिक मंच (एससीएएएफ) द्वारा लंदन में बशीर की नई किताब 'कश्मीर - द वार ऑफ नैरेटिव्स - एन इनसाइडर्स पर्सपेक्टिव' पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था। वहीं लंदन में जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर के संस्थापक सदस्य विनोद टीकू और द कश्मीर सेंट्रल के संपादक बिस्माह मीर ने भी इस सभा को संबोधित किया।
घाटी में महिलाओं और बच्चों को आतंकित करने के लिए पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों के इस्तेमाल को एक हथियार के रूप में उजागर करते हुए, बिस्माह मीर ने कहा, 'वे (पाकिस्तान) अपनी माताओं और बहनों को धमकी देकर युवाओं को आतंकवादी में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।'