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पाकिस्‍तान के विषम हालात में भी लंदन से क्‍यों आए मरियम और नवाज, जानें 3 बड़े फैक्‍टर

नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम लंदन में एक सुरक्षित और बेहतरीन जिंदगी गुजार रहे थे, फ‍िर सवाल यह है कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान आने का फैसला क्‍यों लिया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 03:38 PM (IST)
पाकिस्‍तान के विषम हालात में भी लंदन से क्‍यों आए मरियम और नवाज, जानें 3 बड़े फैक्‍टर
पाकिस्‍तान के विषम हालात में भी लंदन से क्‍यों आए मरियम और नवाज, जानें 3 बड़े फैक्‍टर

नई दिल्‍ली [ जेएनएन ]। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम लंदन में एक सुरक्षित और बेहतरीन जिंदगी गुजार सकते थे, फ‍िर सवाल यह है कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान आने का फैसला क्‍यों लिया। यह सवाल आप के मन में भी उठ सकता है। नवाज जानते थे कि भ्रष्‍टाचार मामले में अदालत ने उनको और मरियम को सजा सुनाई है। वह यह भी जानते थे कि पाकिस्‍तान में प्रवेश करते ही उन्‍हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाएगा। पाकिस्‍तान में हालात भी अच्‍छे नहीं हैं, वहां लगातार आतंकी विस्‍फोट हो रहे हैं। फ‍िर ऐसे हालते में आखिर वह क्‍यों मरियम के साथ स्‍वेदश लौटे।

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फैक्‍टर- नंबर 1

पाकिस्‍तान असेंबली चुनाव
पाकिस्‍तान में 25 जुलाई असेंबली चुनाव होने हैं। ऐसे में नवाज शरीफ मुल्‍क के बाहर नहीं रह सकते थे। हालांकि, नवाज के पास यह विकल्‍प था कि पाकिस्‍तान के आम चुनाव से बाहर हो जाएं, लेकिन अगर वह ऐसा करते तो उनके कार्यकर्ताओं  के मनोबल पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। बरसों कड़ी मेहनत से पाकिस्‍तान में एक राजन‍ीति संगठन की आधारशिला रखने वाले नवाज के राजनीतिक करियर के लिए यह बेहद खतरनाक होता। इस बात का उनको जरूर इल्‍म रहा होगा। नवाज जानते थे कि पाकिस्‍तान में रहते हुए, भले ही वह जेल में हों उनके कार्यकर्ताओं के लिए उत्‍साह भर देगा। ऐसे में उनकी पार्टी चुनाव में सक्रिय भागीदारी कर सकेगी।

फैक्‍टर- नंबर 2

सहानुभूति बंटोरेने के लिए बेहद सुनहरा अवसर
नवाज एक परिपक्‍व राजनीति हैं। वह जानते थे कि पाकिस्‍तान जाने से और उनकी गिरफ्तारी से पाक जनता की सहानुभूति उन्‍हें मिल सकती है। चुनाव के समय इस तरह की सहानुभूति का अलग ही मायने है। नवाज इस मौके को कतई खोना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्‍होंने स्‍वेदश आने में कोई देरी नहीं की। यही बात मरियम पर भी लागू होती है। उनको यह भी मालूम था कि मरियम को सजा हुई है तो जाहिर है उसे भी जेल होगी।  ऐसे में पाकिस्‍तान की जनता का मरियम को अतिरिक्‍त सहानुभूति मिलेगी। मरियम की राजनीतिक करियर के लिए यह लाभप्रद रहेगा। इसका प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष लाभ चुनाव में भी मिलेगा। बता दें क‍ि 2008 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान में सहानुभूति की लहर चली और उनकी पार्टी को असेंबी चुनाव में जबरदस्‍त फायदा हुआ था। शरीफ और मरियम भी उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसा ही उनके साथ भी हो सकता है।

फैक्‍टर- नंबर 3

राजनीति से प्रेरित आरोपों से हो सकते हैं बरी
नवाज को यह उम्‍मीद है कि अगर उन पर लगे आर्थिक आरोपों की निष्‍पक्ष जांच तो वह बरी हो सकते हैं। क्‍योंकि उन पर लगे आरोप बहुत गंभीर किस्‍म के नहीं हैं और पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यही वजह है उन्‍होंने वतन वापसी में कोई संकोच और विलंब नहीं किया। विपक्ष के भ्रष्टाचार और लंदन में संपत्ति खरीदने के आरोपों का जवाब देने के लिए शरीफ के पास वतन वापसी से बढ़िया तरीका नहीं हो सकता था।

बता दें कि इस्लामाबाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों को करप्शन के केस में दोषी करार दिया गया है। पिता और बेटी को लाहौर  के अल्लामा इकबाल इंटरनैशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार देर रात जेल में डाल दिया गया है।


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