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Violence against women: इमरान खान के नए पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा

पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों और हिंसा की महामारी एक मूक महामारी है जिसे कोई नहीं देख रहा और ना कोई इस बारे में बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद पाकिस्तान की संसद इस महीने एक विधेयक पारित करने में विफल रही।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 05:13 PM (IST)
Violence against women: इमरान खान के नए पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा
पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा

इस्लामाबाद, एपी। नूर मुकादम की जिंदगी के आखिरी कुछ घंटे खौफनाक थे। 27 वर्षीय नूर ने इस दर्द से बचने के लिए खिड़की से छलांग लगा दी थी, लेकिन उसे वापस घर में लाया गया.. पीटा गया और फिर सिर काट उसकी हत्या की गई। उसे इतनी दर्दनाक मौत देने का आरोप उसके बचपन के दोस्त जफीर जाफर पर है। खबरों के अनुसार, नूर ने जहीर से शादी करने से इन्कार कर दिया था, जिसके बाद उसने कथित तौर पर यह कदम उठाया।

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इस घटना ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सनसनी मचा दी थी, जहां पहले ही मानवाधिकार कार्यकर्ता महिलाओं के खिलाफ हो रहे हमलों के विरूद्ध आवाज उठा रहे हैं। प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला ने कहा कि नूर मुकादम एक राजनयिक की बेटी थी और समाज में उसके ओहदे के कारण इस मामले को मिली इतनी तव्वजो के जरिये पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर आखिरकार सवाल उठे। लेकिन इस तरह की हिंसा का शिकार होने वाली अधिकांश महिलाएं देश के गरीब और मध्यम वर्गो से हैं और उनकी मौत को लेकर अक्सर कोई शिकायत दर्ज नहीं की जाती या इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है।

अब्दुल्ला ने कहा कि केवल एक सप्ताह में महिलाओं पर हुए हमलों की मैं अपने हाथ से लंबी एक सूची आपको दे सकती हूं। पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों और हिंसा की महामारी एक मूक महामारी है जिसे कोई नहीं देख रहा और ना कोई इस बारे में बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद पाकिस्तान की संसद इस महीने एक विधेयक पारित करने में विफल रही, जो महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए था। इसमें पति द्वारा की जाने वाली हिंसा भी शामिल है। इसके बजाय उसने एक इस्लामी विचारधारा परिषद को इस पर गौर करने को कहा है। इसी परिषद ने पहले कहा था कि पत्नी को मारने में कुछ गलत नहीं है।

अधिकार समूहों ने इमरान खान और उनकी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह धार्मिक अधिकार के लिए काम करते हैं और महिलाओं पर हमलों के अपराधियों को माफ करते हैं। तीन शादियां करने वाले पूर्व क्रिकेटर ने अब एक रूढ़ीवादी इस्लाम को अपना लिया है। 


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