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पाक के इस एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट पर फर्जी मुठभेड़ के आरोप, अमेरिका ने किया ब्‍लैक-लिस्‍ट

Encounter Specialist Rao Anwar Ahmed Khanअमेरिका ने पाकिस्तान के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी राव अनवर अहमद खान को मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोपों के कारण काली सूची में डाल दिया है

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 04:21 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 05:02 PM (IST)
पाक के इस एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट पर फर्जी मुठभेड़ के आरोप, अमेरिका ने किया ब्‍लैक-लिस्‍ट
पाक के इस एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट पर फर्जी मुठभेड़ के आरोप, अमेरिका ने किया ब्‍लैक-लिस्‍ट

वाशिंगटन, पीटीआइ। Encounter Specialist Rao Anwar Ahmed Khan पाकिस्‍तान में मानवाधिकार उल्‍लंघन की घटनाएं आम हैं। हालांकि, व‍िश्‍व शक्तियां ऐसे मामलों पर गहरी नजर भी रखती हैं। अब अमेरिका ने पाकिस्तान के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी राव अनवर अहमद खान (Rao Anwar Ahmed Khan) को मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोपों के कारण काली सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मालिर जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ खान पर फर्जी मुठभेड़ के भी आरोप हैं।

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अमेरिकी वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस प्रतिबंध की जानकारी देते हुए कहा, मालिर में एसएसपी रहने के दौरान अनवर ने 190 से ज्यादा मुठभेड़ों को अंजाम दिया। इन मुठभेड़ों में 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें ज्यादातर न्यायेतर हत्याएं थीं। इतना ही नहीं यह भी आरोप हैं कि अनवर पुलिस, अपराधी और ठगों के नेटवर्क का प्रमुख था, जो वसूली, जमीन कब्जाने, मादक पदार्थो की तस्करी और हत्या जैसे अपराधों में शामिल था। अमेरिका के इस कदम का पाकिस्तान ने स्वागत किया है। 

अमेरिका के इस कदम का पाकिस्तान के वॉइस ऑफ कराची के प्रमुख नदीम नुसरत ने स्वागत करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार की रक्षा की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है। वॉइस ऑफ कराची की अपनी टीम और सिंध में रहने वाले चार करोड़ लोगों की ओर से मैं विश्व स्तर पर मानवाधिकार के हनन में शामिल अनवर और अन्य के खिलाफ अमेरिकी वित्त मंत्रालय के कदम का स्वागत करता हूं। 

वैसे भी पाकिस्‍तान सरकार अपने अधिकारों की मांग कर रहे सिंधी लोगों का दमन करने को लेकर बदनाम है। बीते दिनों नवंबर महीने में ही एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्‍तान में सिंधी समुदाय के लोगों की आवाज उठाने वाले नेताओं पर सरकार बर्बर कार्रवाई करते हुए केस दायर किए थे। यही नहीं सियासी पार्टी जिये सिंध कौमी महाज (Jeay Sindh Qaumi Mahaz) के चेयरमैन एवं अन्य नेताओं पर भी राष्‍ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में मामले दर्ज किए गए थे। 


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