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पाक को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सदस्य बने रहने का हक, फ्रांस मामले में इमरान के रुख के बाद बढ़ा विरोध

फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले पर प्रधानमंत्री एमैनुअल मैंक्रो के बयान की आलोचना करना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर भारी पड़ती नजर आ रही है। अब पाकिस्‍तान को यूएनएचआरसी सदस्य बनाए जाने पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 06:38 PM (IST)
पाक को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सदस्य बने रहने का हक, फ्रांस मामले में इमरान के रुख के बाद बढ़ा विरोध
मैंक्रो के बयान की आलोचना करना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर भारी पड़ता नजर आ रहा है...

वाशिंगटन/ले पेक, एजेंसियां। फ्रांस में आतंकवादी वारदातों में पाकिस्तान के समर्थनवादी रुख के कारण एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में उसके सदस्य बनाए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के लिए मानवाधिकारों के मामलों को देखने वाली जेनेवा स्थिति संस्था ने कहा है कि फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले में जिस तरह से प्रधानमंत्री एमैनुअल मैंक्रो के बयान की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने आलोचना की है। इमरान के बयान से साबित होता है कि वह लगातार आतंकवादियों के साथ खड़े हैं।

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ अत्याचार, साम्प्रदायिक हिंसा और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं में लिप्त रहना बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। पाकिस्तान का ऐसा रिकार्ड नहीं है कि उसे संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद का सदस्य बने रहने दिया जाए। संस्था ने पाकिस्तान में लगातार हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों पर भी चिंता जताई है। संस्था का कहना है कि यहां बच्चों पर जुल्म, यौन शोषण और बाल विवाह की घटनाएं बढ़ रही हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान को अक्टूबर माह में ही संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद में सदस्य बनाया गया है।

गौर करने वाली बात यह भी है कि मानवाधिकार परिषद का सदस्य बनने के बाद से दुनिया के कई मानवाधिकार संगठन पाकिस्‍तान के विरोध में आवाज बुलंद कर चुके हैं। इस बीच फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने आगाह किया है कि इस्लामी चरमपंथी फ्रांस के लोगों की भर्तियां कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बीते दिनों कहा था कि हम जानते हैं कि दुश्मन कौन है। इसका नाम कट्टरपंथी इस्लामवाद है जो एक राजनीतिक विचारधारा है। वहीं फ्रांस पुलिस ने स्कूली शिक्षक का सिर कलम करने की घटना का समर्थन करने वाले चार बच्चों से पूछताछ की।


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