तालिबान सरकार के विदेश मंत्री बोले, भारत समेत किसी भी देश से टकराव नहीं चाहता अफगानिस्तान
एएनआइ के अनुसार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने जियो न्यूज से बातचीत में कहा कि तालिबान पाकिस्तान में शांति के लिए इमरान सरकार व प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की समझौता वार्ता की मध्यस्थता कर रहा है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने एक बार फिर कहा कि अफगान, भारत समेत किसी भी देश से टकराव नहीं चाहता है। पहली बार किसी महिला पत्रकार के साथ साक्षात्कार में मुत्ताकी ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि अफगानिस्तान का किसी भी देश के साथ टकराव हो या हमारे सामने ऐसी चुनौतियां आएं, जिससे देश प्रभावित हो।' बीबीसी उर्दू की महिला पत्रकार द्वारा तालिबान के शासन में अफगानिस्तान-भारत संबंधों पर पूछे गए सवाल में मंत्री ने कहा, 'जब हमने मास्को सम्मेलन में हिस्सा लिया था, तब वहां भारत व पाकिस्तान समेत कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। वहां सकारात्मक बातचीत हुई थी। हम इस मुद्दे पर बातचीत जारी रखेंगे।'
इमरान सरकार व टीटीपी में समझौते के लिए मध्यस्थता कर रहा तालिबान
एएनआइ के अनुसार, मुत्ताकी ने जियो न्यूज से बातचीत में कहा कि तालिबान पाकिस्तान में शांति के लिए इमरान सरकार व प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की समझौता वार्ता की मध्यस्थता कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वार्ता के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी दक्षिण-पूर्व प्रांत खोस्त में पिछले दो हफ्ते से दोनों पक्षों की बैठक की मेजबानी कर रहे हैं।
समावेशी सरकार के गठन का दावा
इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में मुत्ताकी ने दावा किया कि तालिबान ने अफगानिस्तान के सभी पुरातन समूहों को प्रतिनिधित्व देते हुए समावेशी सरकार का गठन किया है। एक सवाल के जवाब में मुत्ताकी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र को यह अधिकार नहीं है कि वह पुरानी सरकार के प्रतिनिधियों को नई सरकार में शामिल करने के लिए तालिबान पर दबाव बनाए।
बल्ख हवाईअड्डे के निर्माण में मदद करेगा उज्बेकिस्तान
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जीयोयेव के विशेष प्रतिनिधि इस्मतुल्ला एर्गाशेव ने एलान किया कि उनका देश अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में स्थित मजार-ए-शरीफ के हवाईअड्डे का पुननिर्माण करवाएगा। एर्गाशेव ने रविवार को प्रांत के स्थानीय अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान इस बात की घोषणा की।
अमेरिकी शिविरों में अनिश्चतता में जी रहे 50 हजार अफगानी शरणार्थी
ठंड की शुरुआत के बीच अमेरिकी सैन्य शिविरों में रह रहे 50 हजार से ज्यादा अफगानी शरणार्थी अपने भविष्य को लेकर अब भी अनिश्चित हैं। उन्हें नहीं मालूम कि कब तक स्थायी ठिकाना मिल पाएगा। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इन्हें अमेरिका के आठ सैन्य ठिकानों पर रखा गया है।
अफगानिस्तान में युद्ध हार रहा था अमेरिका : पूर्व प्रतिनिधि
अफगानिस्तान में अमेरिका के पूर्व विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने टोलो न्यूज से बातचीत में दोहराया कि अमेरिका युद्ध हार रहा था। सात वर्षो में अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों पर तालिबान कब्जा जमा चुका था। खलीलजाद ने युद्ध की समाप्ति के लिए किए गए अपने प्रयास पर संतोष जाहिर किया।