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पाक सेना और ISI के खिलाफ मिलकर जंग करेंगे सिंधी और बलूच, ज्यादतियों को लाएंगे दुनिया के सामने

सिंधी बलूच फोरम ( एसबीएफ) के बैनर तले 16 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी। सिंधी बलूच फोरम सिंधियों और बलूचों के साथ लंबे समय से होने वाले अत्चाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को एक मंच पर ला रही है।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 02:37 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 02:37 PM (IST)
पाक सेना और ISI के खिलाफ मिलकर जंग करेंगे सिंधी और बलूच, ज्यादतियों को लाएंगे दुनिया के सामने
पाक सेना और आइएसआइ की ज्यादतियों के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार सिंधी और बलूच

लंदन, एएनआइ। पाकिस्तान में लंबे समय से अत्याचार का शिकार बलूच और सिंधियों ने अब मिलकर सरकार और सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह निर्णय सिंधियों और बलूचों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं ने किया है। पाक सेना और खुफिया विभाग के अत्याचार की इंतहा टोरंटो में करीमा बलूच की हत्या के रूप में सामने आई है। इस हत्या में पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पर शक जताया गया है। करीमा बलूच निर्वासित होकर कनाडा के टोरंटो में रह रही थीं। यहां पर 20 दिसंबर को उनका शव झील के किनारे मिला था। करीमा बलूच की हत्या के विरोध में टोरंटो, के साथ ही पाकिस्तान, अमेरिका, नीदरलैंड और जर्मनी में इमरान सरकार के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन हुए हैं। इन सभी में बलूचों के साथ सिंधियों ने भी बराबरी से भाग लिया है।

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सिंधी बलूच फोरम ( एसबीएफ) के बैनर तले 16 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी। सिंधी बलूच फोरम सिंधियों और बलूचों के साथ लंबे समय से होने वाले अत्चाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को एक मंच पर ला रही है। अब ये दोनों ही समुदाय लंबी लड़ाई का मन बनाए हुए हैं। लंबे समय से दमन चक्र से पीडि़त इन दोनों कौम के एक होने से पाक सरकार की अब नींद उड़ गई है।

पाक के हालात खराब, सरेआम वकील का अपहरण

पाकिस्तान में जंगल राज चल रहा है। विगत दिवस 11 अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के मजदूरों की हत्या के बाद सोमवार को सनसनीखेज वारदात में एक वकील का आतंकरोधी विभाग का अधिकारी बनकर कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। वकील का कोई भी पता न चलने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना के विरोध में इस्लामाबाद में वकीलों की हड़ताल शुरू हो गई है।

बता दें कि बलूचिस्तान की जनता लंबे समय से सेना के अत्याचार का शिकार हो रही है। यहां पर सेना के साथ ही आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट और तालिबान सक्रिय हैं। ये सभी मिलकर अल्पसंख्यक हिंदू, बलूच और शिया हजारा व अन्य ऐसे ही समुदाय का कत्लेआम कर रहे हैं। यहां लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाने के साथ ही युवकों की हत्या के मामले सर्वाधिक हैं।


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