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मनी लांड्रिंग मामले में पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अदालत में पेशी से छूट

डॉन अखबार में शनिवार को छपी खबर के अनुसार राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत में अर्जी देकर 69 वर्षीय शरीफ ने चौधरी शुगर मिल्स मामले में निजी पेशी से छूट मांगी थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 03:14 PM (IST)
मनी लांड्रिंग मामले में पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अदालत में पेशी से छूट
मनी लांड्रिंग मामले में पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अदालत में पेशी से छूट

लाहौर, एजेंसी । पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मनी लांड्रिंग मामले में निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी है। वह इस समय लंदन में अपना इलाज करा रहे हैं। डॉन अखबार में शनिवार को छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत में अर्जी देकर 69 वर्षीय शरीफ ने चौधरी शुगर मिल्स मामले में निजी पेशी से छूट मांगी थी।

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वकील अमजद परवेज ने कोर्ट के बताया कि नवाज शरीफ की एंजियोग्राफी 24 फरवरी को होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्टेस के अनुसार नवाज को लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रहने की जरूरत है। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि नवाज को चौधरी चीनी मिल मामले में नवाज के खिलाफ कार्यवाही में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने में छूट दी जाए। अदालत ने आवेदन की अनुमति दी और सुनवाई को 28 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है। 

अदालत ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए चिकित्सा के आधार पर उनको पेशी से छूट दे दी और मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने शरीफ और उनकी बेटी मरयम को चौधरी शुगर मिल्स से सीधा लाभ होने का आरोप लगाया है।

इस मामले में गत अगस्त में मरयम को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी जमानत पर हैं। जबकि शरीफ गत 19 नवंबर से लंदन में हैं। शरीफ के वकील अमजद परवेज ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री की सेहत से जुड़ी रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई है। डॉक्टरों का मानना है कि शरीफ अभी पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। 

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है। उनकी बेटी (नवाज शरीफ) मरियम नवाज को उनके साथ लंदन जाने की अनुमति नहीं मिली। इसी वजह से कार्डियोलॉजिस्टों को उनके इलाज के लिए पूर्व-निर्धारित तारीख को दो बार बदलना पड़ा, जिसके चलते उनके इलाज में देरी हुई थी। 


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