ब्लैक लिस्ट होने के डर से बिलबिलाया पाकिस्तान, कुरैशी बोले- भारत कर रहा 'खेल'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत उनके मुल्क को FATF द्वारा Blacklist कराए जाने की कोशिशों में लगा हुआ है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तानी हुक्मरानों में FATF द्वारा मुल्क को ब्लैक लिस्ट किए जाने का डर सताने लगा है। यही वजह है कि वे इसके पीछे भारत की साजिश बताने लगे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत उनके मुल्क को FATF द्वारा Blacklist कराए जाने की कोशिशों में लगा हुआ है। एक इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा कि FATF में भारत पाकिस्तान का विरोध करता रहा है। पाकिस्तान को काली सूची में डाला जाए इसको लेकर भारत के इरादों के बारे में कोई शंका नहीं है।
FATF की बैठक में होगा फैसला
दरअसल, दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह (Asia Pacific Group, APG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों हाफिज सईद, मसूर अजहर और लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा एवं एफआईएफ जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई नहीं की है। यह रिपोर्ट 13 से 18 अक्टूबर के बीच होने वाली एफएटीएफ की उस बैठक से ठीक पहले जारी हुई है, जिसमें आतंकी संगठनों की फंडिंग के मसले पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।
...तो डूब जाएगी इकॉनमी
माना जा रहा है कि उक्त बैठक में FATF पाकिस्तान को Blacklist भी कर सकता है या तो उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार भी रख सकता है। ऐसा होने से पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था और गर्त में चली जाएगी। विश्व संस्थाएं पाकिस्तान को डाउनग्रेड करेंगी जिससे उसे विदेशी कर्ज और निवेश लाने में और गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाए गए कदमों से दुनिया के दूसरे मुल्क संतुष्ट हैं। पाकिस्तान ने एफएटीएफ के निर्देशों का पालन करने की इमानदार कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीद है कि हम एफएटीएफ को संतुष्ट करने में सफल होंगे।
APG की रिपोर्ट ने खोली पोल
दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF के एशिया प्रशांत समूह (Asia Pacific Group, APG) ने म्युचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट ऑफ पाकिस्तान (Mutual Evaluation Report of Pakistan) शीर्षक वाली अपनी 228 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों खासकर लश्कर-ए-तैयबा जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने को लेकर एफएटीएफ की 40 अनुशंसाओं में से केवल एक का पालन किया है। नौ पर काम किया गया जबकि 26 अनुशंसाओं पर आंशिक रूप से अमल हुआ है।
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