जानें आखिर कैसे यूएस के एक सीनेटर के गार्ड ने कराई इमरान और पाकिस्तान की थू-थू
पिछले दिनों एक अमेरिकी सीनेटर ने पाकिस्तान पीएम से मुलाकात की थी। लेकिन यह मुलाकात अब इमरान खान के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इसकी वजह बना है सीनेटर का गार्ड।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के गार्ड की वजह से आज इमरान खान को अपने ही लोगों की खरीखोटी सुनने को मिल रही है। इतना ही नही पाकिस्तान के सांसदों ने इसको देश के सम्मान से जोड़ दिया है जिसकी वजह से इमरान को कहीं न कहीं शर्मिंदा महसूस होनाi पड़ रहा है। दरअसल यह पूरा मामला अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के गार्ड से जुड़ा है। असल में ग्राहम ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ विभिन्न मुद्दों पर बात की थी। इसमें साहिवाल मामला भी शामिल था।
गार्ड की मौजूदगी कितनी जरूरी
यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि पीएम से होने वाली कोई भी बैठक हाईप्रोफाइल मानी जाती है। वह भी तब जब कोई विदेशी सदस्य दोनों देशों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने आया हो। ऐसे में आधिकारिकतौर पर सदस्यों के अलावा कोई भी बैठक वाली जगहों पर मौजूद नहीं होता है। जहां तक साहिवाल मामले की बात है तो आपके बता दें कि इससे देश की काफी किरकिरी हुई है। इसी हाई प्रोफाइल बैठक के दौरान ग्राहक के गार्ड कमरे में ही मौजूद था। इसी वजह से पाकिस्तान की सियासत में सारा बवाल मचा हुआ है। इस मामले में दो बच्चों के सामने सुरक्षाबलों ने आतंकी समझकर एक ही परिवार के तीन लोगों को मार डाला था। बैठक के दौरान गार्ड की मौजूदगी पर सवाल उठाने वाले केवल मलिक ही नहीं हैं बल्कि यह अब बड़ा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। इसको लेकर कई सांसदोंं ने इमरान को कटघरे में खड़ा किया है।
मलिक के आरोप
देश के पूर्व आंतरिक मामलों के मंत्री और सीनेटर स्टेंडिंग कमेटी ऑन इंटीरियर के चेयरमेन रहमान मलिक का कहना है कि इस घटना से देश का सिर शर्म से झुक गया है। उनके मुताबिक कमेटी के सदस्यों को यह जानने का पूरा हक है कि गार्ड की कमरे में मौजूदगी क्यों थी। इसके लिए उन्होंने सीधेतौर पर आंतरिक सचिव को जवाब देने के लिए कहा है और साथ ही पीएम को भी निशाना बनाया है। कमेटी ने पीएम से साहिवाल मामले की न्यायिक जांच कराने की भी अपील की है।
ग्राहम ने की इमरान की तारीफ
आपको बता दें कि सीनेटर ग्राहम ने इमरान खान की तारीफ करते हुए कहा था कि वह अफगानिस्तान में शांति स्थापना में अमेरिका की मदद कर सकते हैं। साथ ही इमरान से बैठक के दौरान उन्होंने खान को यह भी विश्वास दिलाया था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील करेंगे कि वह पाकिस्तान के पीएम से मुलाकात करें। यह इस क्षेत्र में चल रही अशांति के लिए भी जरूरी होगा। उन्होंने बैठक के बाद यहां तक कहा कि ट्रंप और इमरान एक ही तरह के व्यक्ति हैं जो बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने इमरान को एजेंट ऑफ चेंज भी कहा।
ट्रंप की लताड़
आपको यहां पर बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार पाकिस्तान को इस बात के लिए लताड़ते रहे हैं कि वह तालिबान समेत दूसरे आतंकियों को अपने यहां पर पनाह दिए हुए है। इतना ही नहीं अरबों डॉलर की मदद के बाद भी पाकिस्तान ने आज तक हक्कानी नेटवर्क पर कोई लगाम नहीं लगाई है, जिसकी वजह से अमेरिका ने उसको दी जाने वाली मदद को भी बंद कर दिया है। यही वजह है कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं। जहां तक ग्राहम की बात है तो वह मानते हैं कि वर्तमान में इमरान और ट्रंप कई मायनों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आपको बता दें कि ग्राहम अमेरिका की सबसे पावरफुल माने जाने वाली सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के काफी वरिष्ठ सदस्य हैं।
साहिवाल पर बवाल
मलिक का कहना है कि पुलिस या सुरक्षाबलों को किसी को भी मार डालने का लाइसेंस नहीं दे दिया गया है, भले ही उनके पास अमुक व्यक्तियों को लेकर सुबूत ही क्यों न हो। सीनेट कमेटी ने यह भी जानना चाहा है कि आखिर सुरक्षाबलों ने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया और क्यों सीधे ही उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी। मलिक ने कहा है कि यह देश के लिए बेहद खतरनाक हालात हैं कि किस तरह से पुलिस आम नागरिकों को अपनी गोली का शिकार बना रही है। इससे देश के नागरिकों का भरोसा सुरक्षाबलों से उठ जाएगा और देश में अराजकता के हालात पैदा हो जाएंगे।
कमेटी ने मांगे जवाब
कमेटी ने आंतरिक मामलों के समक्ष सभी सवालों को रखकर जवाब भी मांगा है। साथ ही हाईकोर्ट के जज के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच करवाने के भी आदेश दिए हैं। इसके अलावा कमेटी यह भी जानना चाहती है कि साहिवाल मामले में जिन्हें पुलिस ने निशाना बनाया था उनके खिलाफ किसी भी तरह के कोई आरोप थे या नहीं। वहीं काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट से भी कई सवाल पूछे गए हैं। कमेटी ने पीएम से इस बात को लेकर भी सवाल किया है कि वह सदन को बताएं कि देश में आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मौजूद हैं या नहीं।
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