China-Pakistan Relation: रिपोर्ट्स में चला पता- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में देश से खुश नहीं था चीन
China-Pakistan Relation चीनी नेताओं द्वारा पूर्व पीएम इमरान खान को सरकार के प्रमुख के रूप में उनकी स्थिति में मिसफिट पाया गया था। क्योंकि पीएम के तौर पर इमरान खान CPEC प्रोजेक्ट के पीछे चीन के लक्ष्य और उसके क्रियान्वयन के बीच आ रहे थे।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान को प्रधान मंत्री के रूप में बाहर किए जाने के महीनों बाद, एक बड़ी बात सामने आई है। इस्लामाबाद के विदेश कार्यालय को चीन से एक राजनयिक केबल प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया कि 10 जून को, चीन ने बहुत कम ब्याज दर पर 2.3 बिलियन अमरीकी डालर का विस्तार करने की पेशकश की है, जिससे इस बात का पता चलता है कि बीजिंग पूर्व पीएम से खुश नहीं था।
रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा-
'पाकिस्तान डेली' और 'द न्यूज इंटरनेशनल' जैसे प्रकाशनों ने बीजिंग स्थित पाकिस्तान के राजदूत और विदेश कार्यालय के बीच संचार को लीक कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, चीनी नेतृत्व ने नए पीएम शहबाज शरीफ के साथ अधिक आराम से काम करने की इच्छा व्यक्त की, इसके पीछे की वजह उनका पिछला अनुभव बताया गया, जब वह पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे।
आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ एक तरफा नापसंद हो। बल्कि चीनी नेताओं द्वारा इमरान खान को सरकार के प्रमुख के रूप में भी अयोग्य पाया गया था। क्योंकि उनका कहना था कि पीएम के तौर पर इमरान खान CPEC प्रोजेक्ट के पीछे चीन के लक्ष्य और उसके क्रियान्वयन के बीच आ रहे थे।
आपको मालूम हो कि 2015 में, जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधान मंत्री थे, CPEC को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, खान शुरू से ही चीन के नेतृत्व वाली परियोजना से खुश नहीं थे। पारदर्शिता की कमी के कारण और भ्रष्टाचार की संभावना के चलते, जिसे चीन अपनी सीपीईसी परियोजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ा सकता है, वह पाकिस्तान और उसके हितों को नुकसान पहुंचाएगा, यह इमरान खान की मुख्य चिंता का कारण बना हुआ था। इमरान खान के इस डर को उनके पूर्व सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने स्पष्ट शब्दों में 9 सितंबर, 2018 को लंदन स्थित फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में
व्यक्त किया गया था।