पैगंबर मुहम्मद का कार्टून मामला: ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट- आतंकी रंगरूटों का एक बड़ा केंद्र है पाक
पाकिस्तान के अनेक शहरोंं में शिया विरोध प्रदर्शनों से यह संकेत मिलता है कि देश में आतंकवादी केंद्र अभी भी सक्रिय हैं। पत्रिका में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान में अभी आतंक और आतंकवादियों को पैदा किया जा रहा है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकी रंगरूटों का एक बड़ा केंद्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के फिर से प्रकाशन और पाकिस्तान के अनेक शहरोंं में शिया विरोध प्रदर्शनों से यह संकेत मिलता है कि देश में आतंकवादी केंद्र अभी भी सक्रिय हैं। पत्रिका में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान में अभी आतंक और आतंकवादियों को पैदा किया जा रहा है। देश में उनके प्रशिक्षण का कार्य जारी है।
पाकिस्तान में इन कट्टरपंथियों को अधिकारियों का समर्थन हासिल
ग्लोबल वॉच एनालिसिस में प्रकाशित रोलैंड जैक्वार्ड ग्लोबल सिक्योरिटी कंसल्टिंग (RJGSC) के अध्यक्ष रोलैंड जैक्वार्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान में इन कट्टरपंथियों को अधिकारियों का समर्थन हासिल है। उनके समर्थन में कट्टपंथी संगठन फलफूल रहे हैं। यह दुनिया के लोकतांत्रिक और धर्मनिपेक्ष देशों के लिए चिंता का विषय हे। जैक्वार्ड ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान के हवाले से कहा कि अरबों मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा जानबूझकर किया गया कार्य प्रेस की स्वतंत्रता या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
इस्लामिक संगठनों ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी
2 सितंबर को चार्ली हेब्दो पत्रिका द्वारा पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के पुन: प्रकाशन पर ईरान समेत तमाम इस्लामिक संगठनों ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। कई इस्लामिक संगठनों ने इस कदम की निंदा की थी। यहां तक की अल कायदा ने पत्रिका को खबरदार किया था। अल कायदा ने बाकयादा चेतावनी जारी की थी। इसको लेकर पाकिस्तान में अधिकांश जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखे गए थे।
2015 में कार्टून के प्रकाशन के बाद चार्ली हेब्दो कार्यालय पर आतंकवादी हमला
बता दें कि फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका चार्ली हेब्दो ने एक बार फिर पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित किया था। वर्ष 2015 में कार्टून के प्रकाशन के बाद उसके कार्यालय पर आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में संपादकीय कार्यालय के 12 सदस्य और सभी तीनों हमलावर शामिल थे। गौरतलब है कि कार्टून का दोबारा प्रकाशन ऐसे समय में किया गया है जब 14 लोगों पर सात लोगों पर हमलावरों की मदद करने के आरोप में मुकदमा शुरू हुआ है।