विपक्षी घोषणा पत्र से बौखलाए इमरान, कहा- मेरे अधीन काम करती है पाकिस्तान की सेना
प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि सेना एक सरकारी संस्था है जो उनके अधीन काम करती है। इमरान की सफाई विपक्षी पीडीएम के उस घोषणा पत्र के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि सेना ने साल 2018 के चुनाव में जनादेश को प्रभावित किया...
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान (Pakistan) में विपक्षी दलों के हमलों से घिरे इमरान खान (Imran Khan) ने एक और नया शिगूफा छोड़ा है। आम चुनावों में सेना के हस्तक्षेप के विपक्ष के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि सेना एक सरकारी संस्था है जो उनके अधीन काम करती है। पाकिस्तान में 11 विपक्षी दलों का गठबंधन 'पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट' (Pakistan Democratic Movement, PDM) मुल्क की सियासत में सेना के दखल का भी आरोप लगा रहा है।
'पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट' (Pakistan Democratic Movement, PDM) का गठन बीते सितंबर महीने में हुआ था। इसके बाद से इस गठबंधन ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और लगातार बड़ी रैलियां आयोजित कर रहा है। पीडीएम पाकिस्तान की सेना पर साल 2018 में हुए आम चुनाव में धांधली के जरिए कठपुतली प्रधानमंत्री बनाने का आरोप लगाता रहा है। वैसे सचाई यह भी है कि पाकिस्तान में सेना का लंबे समय तक शासन रहा है और सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में उसके प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता है।
हालांकि सेना भी पाकिस्तान की राजनीति में दखलंदाजी की बात से इनकार करती रही है। यही नहीं इमरान खान भी समय समय पर इस बात से इनकार करते रहे हैं कि सेना ने साल 2018 के आम चुनाव में उनको जीत दिलाने में मदद की थी। ऐसे समय जब विपक्षी दलों के हमले तेज हैं इमरान की उक्त सफाई एकबार फिर सामने आई है। विपक्षी दलों ने बीते सोमवार को 'लाहौर घोषणापत्र' पर हस्ताक्षर किए थे। इस घोषणा पत्र में कहा गया है कि सेना ने साल 2018 के चुनाव में जनादेश को प्रभावित किया और मुल्क पर एक 'अक्षम' सरकार को लाकर बैठा दिया था।
पीएम इमरान खान ने शुक्रवार को एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में उन आरोपों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के पास वास्तविक अधिकार नहीं हैं और वह सेना की कठपुतली हैं। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की सेना एक सरकारी संस्था है जो मुल्क के प्रधानमंत्री के अधीन ही काम करती है। बीते अक्टूबर महीने में पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने इमरान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार सेना और आइएसआइ के हाथों की कठपुतली है।