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पाकिस्तान में ईशनिंदा पर आक्रोशित लोगों ने फूंका पुलिस स्टेशन, स्थिति संभालने के लिए बुलानी पड़ी फोर्स

स्थानीय पुलिस अधिकारी आसिफ खान ने सोमवार को बताया कि हमले में कोई अधिकारी घायल नहीं हुआ। जिले में स्थिति संभालने के लिए सैनिकों को बुलाना पड़ा। उन्होंने बताया कि आरोपित को उन्मादी भीड़ का शिकार होने से बचा लिया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 09:04 PM (IST)
पाकिस्तान में ईशनिंदा पर आक्रोशित लोगों ने फूंका पुलिस स्टेशन, स्थिति संभालने के लिए बुलानी पड़ी फोर्स
खैबर पख्तूनख्वा के चारसद्दा जिले की है घटना

पेशावर, एपी। पाकिस्तान में ईशनिंदा के एक आरोपित को नहीं सौंपे जाने से आक्रोशित लोगों ने जमकर बवाल किया। उन्होंने एक पुलिस स्टेशन को फूंक दिया। चार पुलिस चौकियों को भी आग के हवाले कर दिया। यह घटना रविवार रात खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा जिले में हुई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति पर कुरान का अपमान करने का आरोप है।

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हजारों लोगों की भीड़ ने पुलिस इमारतों पर किया था हमला 

स्थानीय पुलिस अधिकारी आसिफ खान ने सोमवार को बताया कि हमले में कोई अधिकारी घायल नहीं हुआ। जिले में स्थिति संभालने के लिए सैनिकों को बुलाना पड़ा। उन्होंने बताया कि आरोपित को उन्मादी भीड़ का शिकार होने से बचा लिया। उसे बचाकर दूसरे जिले में भेज दिया गया है। एक दिन पहले उसे गिरफ्तार किया गया था और ईशनिंदा मामले की जांच चल रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हजारों लोगों की भीड़ ने पुलिस इमारतों पर हमला किया था। चारसद्दा में सोमवार को स्थिति सामान्य हो गई और हमले में लिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।

ईशनिंदा पर मौत की सजा का प्रविधान

पाकिस्तान में ईशनिंदा को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया गया है। इसमें मौत की सजा तक का प्रविधान है। इस तरह के मामले में अक्सर ही भीड़ हिंसा पर उतारू हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू अधिकार समूहों का कहना है कि ईशनिंदा का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को डराने के लिए किया जाता है।

महंगाई पर इमरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार में महंगाई बेकाबू होती जा रही है। लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है। विपक्षी दलों ने भी महंगाई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया है। इसी क्रम में जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी को लेकर इमरान सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया है।

न्यूज इंटरनेशनल अखबार के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी के नेता अमीर सिराजुल हक की अगुआई में बड़ी संख्या में युवकों ने यहां विरोध प्रदर्शन किया। हक ने कहा कि इमरान सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इमरान की पार्टी धांधली के जरिये वर्ष 2018 का आम चुनाव जीतने में कामयाब हुई थी। उन्होंने यह कहा कि मौजूदा सरकार के समर्थकों को दोबारा इस तरह की धांधली करने की इजाजत नहीं देंगे।


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