पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जिंदगी मुहाल, पादरी व उसके परिवार पर हमला
पादरी व उसके परिवार वालों पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ चरमपंथियों ने हमला कर दिया।
रहीम यार खान, एएनआइ। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। इस क्रम में एक और मामला जुड़ गया है। यहां के पंजाब प्रांत में रहीम यार खान क्षेत्र में शनिवार को पादरी व उसके परिवार को बुरी तरह पर पीटा गया और इलाके से निकाल दिया गया। उनके कपड़ों पर खून के धब्बे थे। हालांकि पाकिस्तान के संविधान में जिन धार्मिक अधिकारों से संबंधित प्रावधान बनाए गए हैं उनकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां के अल्पसंख्यक अपने धार्मिक अधिकारों का इस्तेमाल तक नहीं कर पा रहे हैं।
हाल में ही पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग ने द्वारा सार्वजनिक किए गए एक रिपोर्ट में यह बात खुलकर सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, पादरी हारून सादिक चीडा, उनकी पत्नी व उनके युवा पुत्र को कुछ सशस्त्र चरमपंथी मुस्लिमों ने हमला कर दिया। इसके बाद उन्हें उस इलाके से जबरन निकाल दिया गया। इस घटना से स्थानीय पुलिस को अवगत कराया गया लेकिन सूत्रों ने बताया कि एएसआइ बशारत ढिल्लन और बाकी के पुलिस बल की ओर से हमलावरों को समर्थन प्राप्त था।
घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दे दी गई थी। इस तरह की घटना समूचे पाकिस्तान में होती रहती है जिससे पता चलता है कि इमरान खान के प्रशासन के अंतर्गत आने वाले नए पाकिस्तान में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। न केवल ईसाई, सिख, हिंदू बल्कि अहमदी मुसलमानों को भी निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू भील समुदाय के दो भाइयों के शव सिंध प्रांत के झिमपिर इलाके में लटका मिला। एक अन्य हिंदू लड़के ऋषि का शव सिंध के मिठी इलाके में मिला। दशकों से पाकिस्ताम में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर किया जा रहा है।