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इमरान खान और जनरल कमर बाजवा के छिपे हुए एजेंडे को पाकिस्तानियों ने किया उजागर

पाकिस्तानियों ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपने प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के छिपे एजेंडे की पोल खोली है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:59 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:04 AM (IST)
इमरान खान और जनरल कमर बाजवा के छिपे हुए एजेंडे को पाकिस्तानियों ने किया उजागर
इमरान खान और जनरल कमर बाजवा के छिपे हुए एजेंडे को पाकिस्तानियों ने किया उजागर

 इस्लामाबाद, एएनआइ। आतंक को लेकर पाकिस्तान दुनिया के निशाने पर है, लेकिन फिर भी वह बाज नहीं आ रहा है। खुद पाकिस्तानियों ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपने प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के छिपे एजेंडे की पोल खोली है।

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करतारपुर कॉरिडोर खोलना सोची समझी रणनीति

पाकिस्तान के यू-ट्यूब चैनल के कार्यक्रम 'नया पाकिस्तान' में लोगों ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलना एक सोची समझी रणनीति है। इसका मकसद सिखों के प्रति प्रेम दिखाकर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काना है। लोगों ने कहा कि जनरल बाजवा और पाकिस्तानी सेना ने सिखों का गर्मजोशी से स्वागत किया। भगवान ने चाहा तो युद्ध होने पर वे भारत के विरुद्ध युद्ध में हमारे साथ होंगे।

खालिस्तानी आतंक को दे सकता है बढ़ावा 

भारत में मौजूद कई विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तान आतंक को बढ़ावा देने के लिए कर सकता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था और झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया था।

भारतीय एजेंसियों ने किया सचेत 

पिछले दिनों भारतीय खुफ‍िया एजेंसियों ने सचेत किया था कि पाकिस्‍तान में मौजूद खालिस्‍तानी तत्‍व इस गलियारे का दुरुपयोग भारत में अलगाववाद भड़काने में कर सकते हैं। एजेंसियों ने चेताया कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे दूसरे देशों में मौजूद खालिस्‍तानी एलिमेंट और सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे जैसे संगठन पाकिस्‍तान पहुंचकर अलगाववाद को हवा दे सकते हैं।

बता दें कि पाकिस्‍तानी में बैठे हैंडलर एसएफजे के जरिए पंजाब के स्‍थानीय आतंकियों को आर्थिक और सैन्‍य मदद पहुंचाते हैं। भारत इस बारे में चिंता जता चुका है कि पाकिस्‍तान अपने यहां मौजूद गुरुद्वारों का इस्‍तेमाल खालिस्‍तानी संदेशों को फैलाने में कर रहा है। 

ज्ञात हो कि कि एसएफजे का प्रमुख अवतार सिंह पन्नुन  और गुरपतवंत सिंह पन्नुन लगातार भारत से अलग खालिस्‍तानी राज्‍य की वकालत करते रहे हैं। यही कारण है कि भारत खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) जैसे प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित करने के पाकिस्‍तान के प्रयासों से चिंतित है।

वहीं दूसरी ओर पाकिस्‍तान का प्रमुख आतंकी हाफ‍िज सईद का सहयोगी गोपाल सिंह चावला को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रबंधन समिति का सदस्य बनाए जाने के बाद भारत ने आपत्ति जताई थी। पाकिस्‍तान का यह कदम भी उसके मंसूबों की ओर इशारा करता है। 


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