Move to Jagran APP

पाक की फिर 'नापाक' हरकत, पाकिस्‍तानी सीनेट में कश्‍मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को सराहा

पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी की सराहना की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 10:39 PM (IST)
पाक की फिर 'नापाक' हरकत, पाकिस्‍तानी सीनेट में कश्‍मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को सराहा
पाक की फिर 'नापाक' हरकत, पाकिस्‍तानी सीनेट में कश्‍मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को सराहा

इस्‍लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्‍तान ने एक बार फिर जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दिया है। इसी कड़ी में पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी की सराहना की है। सीनेट ने पाकिस्‍तानी सरकार से उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान ए पाकिस्तान से सम्मानित करने का आह्वान किया। यह भारत सरकार के लिए एक चौंकाने वाला मामला है। पाकिस्‍तान ने एक बार फिर से गिलानी की तरह कश्मीरी अलगाववादियों को समर्थन देने पर जोर दिया है। ऐसा करने पर स्पष्ट रूप से पहले से ही नाराज भारतीय सरकार की एक मजबूत प्रतिक्रिया मिलेगी, जिसने कश्मीर में पिछले 30 साल से जारी पाकिस्तान के जारी छद्म युद्ध के खिलाफ संघर्ष किया है। 

loksabha election banner

जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे के खत्‍म होने का पूरा हो रहा है एक साल 

प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पाकिस्तान की सीनेट में पारित किया गया था, जिसमें उन्होंने सैयद अली गिलानी के अथक संघर्ष की प्रशंसा की गई। सरकार और विपक्ष की बेंचों ने गिलानी की "अटल प्रतिबद्धता, समर्पण, दृढ़ता और नेतृत्व" के लिए बीमार कश्मीरी नेता की प्रशंसा करते हुए संयुक्त रूप से संकल्प पारित किया। यह कदम मोदी सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे के खत्‍म होने के एक साल पूरे होने के मद्देनजर आया है। 5 अगस्त, 2019 को भारत सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर के विशेष दर्जे वाले अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया। उसके बाद से जम्मू और कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है। 

गिलानी ने किया भारत से आजादी और पाकिस्तान में एकीकरण का समर्थन 

तहरीक-ए-हुर्रियत के नेता सैयद अली गिलानी ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन किया है। वे लंबे समय से भारत से आजादी और पाकिस्तान के साथ एकीकरण की मांग कर रहे हैं। हुर्रियत के अन्य नेताओं के साथ गिलानी को अतीत में कई बार हिरासत में लिया गया है क्योंकि कश्मीर घाटी में नजरबंदी, कर्फ्यू और संचार को बंद करना जारी है। 90 वर्षीय बुजुर्ग हुर्रियत अब बीमार हो गए हैं और उन्‍हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। इस पर पाकिस्तान ने चिंता व्यक्त की है। इसे अनुचित करार दिया है, क्योंकि वह स्वास्थ्य की दृटि से काफी कमजोर हो गए हैं।

पाकिस्तान की सीनेट का प्रस्‍ताव 

पाकिस्तान की सीनेट में पारित प्रस्ताव में संघीय सरकार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग (PUET) का नाम बदलकर सैयद अली शाह गिलानी यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड इमर्जिंग साइंसेज (SGUEES) के रूप में प्रस्‍ताव किया गया है। संकल्‍प में कहा गया है कि संघीय और प्रांतीय स्तर पर सैयद अली शाह गिलानी के उठने और संघर्ष करने को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए और गिलानी को उनकी पसंद के स्थान पर सर्वोत्तम उपलब्ध उपचार में मदद करने के लिए विश्व की मदद जुटाए। 

गिलानी ने किया आह्वान 

जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष दर्जे को समाप्त करने के विरोध में घाटी में 5 अगस्त और 15 अगस्त को हड़ताल की सैयद अली गिलानी की घोषणा के चंद घंटों के बाद पाकिस्तान में यह कदम उठाया गया। गिलानी ने एक बयान में कहा कि 5 अगस्त कश्मीर के सबसे अंधकारपूर्ण अध्यायों में से एक है। उन्हें इस दिन को जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और दुनिया भर के कश्मीरी प्रवासियों को भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.