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पाक में हिंसक प्रदर्शन में शामिल 87 चरमपंथियों को 55 साल कैद, संपत्तियां जब्त करने के भी आदेश

Pakistani court hands down 55 year sentences to 86 Islamists पाकिस्‍तान की एक आतंकरोधी अदालत ने कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के 87 कार्यकर्ताओं को 55 साल कारावास की सजा सुनाई है

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 04:04 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 04:48 PM (IST)
पाक में हिंसक प्रदर्शन में शामिल 87 चरमपंथियों को 55 साल कैद, संपत्तियां जब्त करने के भी आदेश
पाक में हिंसक प्रदर्शन में शामिल 87 चरमपंथियों को 55 साल कैद, संपत्तियां जब्त करने के भी आदेश

इस्‍लामाबाद, एपी। पाकिस्‍तान की एक आतंकरोधी अदालत (anti-terrorism court, ATC) ने कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी (Tehreek-e-Labbaik party, TLP) पर बड़ी कार्रवाई की है। अदालत ने साल 2018 में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में TLP सुप्रीमों खादिम हुसैन रिजवी (Khadim Hussain Rizvi) के भाई अमीर हुसैन रिजवी (Ameer Hussain Rizvi) और भतीजे मोहम्‍मद अली (Mohammad Ali) समेत पार्टी के 87 कार्यकर्ताओं को 55 साल कारावास की सजा सुनाई है।  

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पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दोषियों पर 12,925,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही अदालत ने सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्ति को जब्त करने का निर्देश भी दिया है। पुलिस ने साल 2018 में 18 नवंबर को TLP प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी, उनके भाई आमीर हुसैन रिजवी और भतीजे मोहम्मद अली समेत 87 चरमपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इन सभी को अशांति फैलाने और हिंसा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

इस्‍लामाबाद के नजदीकी शहर रावलपिंडी में अदालत ने गुरुवार को देर रात यह फैसला सुनाया जिसके बाद दोषियों को अटोक जेल Attock jail भेज दिया गया। बता दें कि कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक के इन सदस्‍यों ने साल 2018 के नवंबर महीने में पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन किए थे। ये प्रदर्शन ईशनिंदा के झूठे आरोप में आठ साल जेल काटने वाली ईसाई महिला आसिया बीवी को रिहा करने करने के फैसले विरोध में हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था और निजी वाहनों में आग लगाई थी। 

यह केस एक साल से अधिक समय तक चला। तहरीक-ए-लब्बैक के वरिष्‍ठ नेता पीर एजाज अशरफी ने कहा कि फैसले में न्‍याय नहीं हुआ है। हम इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। बता दें कि आसिया बीवी को ईशनिंदा के आरोप में साल 2009 में दोषी करार दिया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। उन पर साथी कर्मचारियों के साथ झगड़े में इस्‍लाम की तौहीन करने का आरोप लगा था। हालांकि, उन्‍होंने लगातार आरोपों का खंडन किया था। पाकिस्‍तान की सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में यह फैसला खारिज करते हुए उन्‍हें कनाडा जाने की इजाजत दे दी थी। 


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