Move to Jagran APP

पाकिस्‍तानी मौलवी के विवादित बोल, कहा- बढ़ती अश्‍लीलता से नाराज होकर अल्लाह ने भेजा कोरोना

पाकिस्तान के एक प्रमुख मौलवी मौलाना जमील (Maulana Tariq Jamil) कहा है कि कोरोना महामारी अल्लाह (God) के श्राप (शाप) का नतीजा है। इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 02:14 AM (IST)
पाकिस्‍तानी मौलवी के विवादित बोल, कहा- बढ़ती अश्‍लीलता से नाराज होकर अल्लाह ने भेजा कोरोना
पाकिस्‍तानी मौलवी के विवादित बोल, कहा- बढ़ती अश्‍लीलता से नाराज होकर अल्लाह ने भेजा कोरोना

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के एक प्रमुख मौलवी ने कथित तौर पर दावा किया है कि कोरोना महामारी अल्लाह (God) के श्राप (शाप) का नतीजा है। ईश्‍वर (God) ने दुनिया में बढ़ती नग्नता एवं अश्‍लीलता से नाराज होकर यह महामारी भेजी है। इस बयान को लेकर मौलाना की आलोचना हो रही है। यही नहीं लोग इमरान सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि मौलाना तारिक जमील (Maulana Tariq Jamil) ने राष्‍ट्रीय टेलिविजन पर यह बयान तब दिया जब 23 अप्रैल को पीएम इमरान खान ने कोरोना पीड़‍ितों के लिए फंड जुटाने के लिए टेलिथॉन का आयोजन किया था।

prime article banner

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना जमील (Maulana Tariq Jamil) ने कहा कि कोरोना वायरस के रूप में दुनिया अल्लाह के कोप का सामना कर रही है। इस कोप की वजह बढ़ती अश्लीलता और नग्नता (Obscenity and nudity) है। कौन है जो हमारी बेटियों को डांस करा रहा है। उनके कपड़े छोटे होते जा रहे हैं। जब समाज में अश्‍लीलता आम बात हो गई है तो अल्लाह नाराज हो गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मौलाना के इस बयान को महिलाओं को अपमानित करने वाला बता रहे हैं। इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है।

पाकिस्‍तान के कानून एवं न्याय मामले पर संसदीय सचिव बैरिस्टर मलीखा बुखारी (Barrister Maleeka Bokhari) ने ट्वीट कर कहा कि महामारी के फैलने को किसी भी सूरत में महिलाओं की नैतिकता और आबरू से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। वहीं मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने कहा कि हम इस तरह के बेतुके बयानों के जरिए महिलाओं को निशाना बनाने को सहन नहीं करेंगे। हमने पाकिस्तानी संविधान के तहत अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए कड़ी लड़ाई लड़ी है। यह गंदा और बेतुका बयान है जिसमें महामारी के लिए महिलाओं के छोटे कपड़ों को जिम्‍मेदार ठहराया जा रहा है। 

शीरीन मजारी ने कहा कि यह बयान महामारी के बारे में अज्ञानता और महिला विरोधी माइंडसेट को दर्शाता है। ऐसा बयान अस्वीकार्य है। आसमा जहांगीर लीगल ऐड सेल की निदेशक निदा ऐली (Nida Aly) ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को सुरक्षा की दरकार है। निदा ऐली ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने तारिक जमील के बयान को टेलीवीजन पर चलाया। मौलाना ने महिलाओं पर न केवल आपत्ति जताई बल्कि उनकी आजादी को भगवान का प्रकोप बता डाला। वहीं पाकिस्‍तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि मौलाना जमील का बयान अस्‍वीकार्य है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.