पाक का दोमुंहापन: आतंकी सरगना हाफिज सईद की पैरोकारी में लिखी संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी
वैश्विक आतंकी सूची से नाम हटाने की हाफिज सईद की अर्जी संयुक्त राष्ट्र द्वारा अस्वीकार किए जाने की खबर भारतीय मीडिया में आने से पाकिस्तान भड़क उठा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वैश्विक आतंकी सूची से नाम हटाने की हाफिज सईद की अर्जी संयुक्त राष्ट्र द्वारा अस्वीकार किए जाने की खबर भारतीय मीडिया में आने से पाकिस्तान भड़क उठा है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर कहा है कि वह जांच कराए कि भारतीय न्यूज एजेंसी पीटीआइ को किस तरह से यह खबर मिली।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद ने संयुक्त राष्ट्र को भेजी अर्जी में अपने खिलाफ उन सूचनाओं को सार्वजनिक करने की मांग की थी जिनके चलते उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया गया। उसने खुद को गलत तरीके से आतंकी घोषित किए जाने का दावा किया था और अपना नाम वैश्विक आतंकी सूची से हटाने की मांग की थी। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी देश की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर किसी आतंकी सरगना की पैरवी की है।
पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने वैश्विक संस्था से मांग की कि 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद के लिए गए फैसले की जानकारी भारतीय न्यूज एजेंसी को कैसे हुई, इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
पत्रकार रहीं मलीहा लोधी ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को भारत की सरकारी न्यूज एजेंसी बताया है और अपने दावे को सही साबित करने के लिए पीटीआइ के समाचारों की कुछ कटिंग भी संलग्न की हैं। जबकि पीटीआइ निजी और सहकारी आधार पर बिना लाभ के चलने वाली न्यूज एजेंसी है।
सात मार्च को पीटीआइ ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की अर्जी संयुक्त राष्ट्र द्वारा खारिज किए जाने की खबर दी थी। संयुक्त राष्ट्र ने यह कदम भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए पुख्ता सुबूतों के आधार पर उठाया। आतंकी सरगना सईद के बारे में इनमें कई जानकारियां अति संवेदनशील हैं।