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फ‍िर बेनकाब हुआ पाक, तालिबान की मदद के लिए भेजे लश्कर के आतंकी, युवाओं को आतंकी बना रही है पाकिस्तानी फौज

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान की नापाक भूमिका धीरे-धीरे बिल्कुल स्पष्ट होती जा रही है। अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से लड़ने वाले कुछ आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों के रूप में हुई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 12:11 AM (IST)
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान की नापाक भूमिका धीरे-धीरे बिल्कुल स्पष्ट होती जा रही है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान की नापाक भूमिका धीरे-धीरे बिल्कुल स्पष्ट होती जा रही है। अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से लड़ने वाले कुछ आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों के रूप में हुई है। इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हैं। पाकिस्तान की सेना ने इन्हें लश्कर के आतंकी शिविरों में प्रशिक्षण देने के बाद तालिबान की मदद के लिए भेजा था।

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पंजाब प्रांत को बनाया आतंकी गढ़

पाकिस्तान का पंजाब प्रांत उसकी सेना द्वारा समर्थित दो आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद का गढ़ है। माना जाता है कि लश्कर में पंजाब प्रांत के आतंकियों की संख्या 10 हजार से ज्यादा है।

तालिबान की मदद को भेजे आतंकी

अफगानिस्तान के कंधार में लश्कर के कई आतंकी तालिबान के साथ लड़ते देखे गए हैं। इनमें से कई मारे भी गए हैं। पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों की अगुआई शैफुल्ला खालिद कर रहा था, जो 11 अन्य आतंकियों के साथ कंधार के नवाही जिले में मुठभेड़ में मारा गया था। बताया जाता है कि खालिद का स्थान पंजाब प्रांत के ही इमरान नामक आतंकी ने लिया है। इमरान पहले जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था और कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

आतंकियों के इलाज के लिए चला रहा अस्‍पताल

खबरों के मुताबिक पाकिस्तान अफगानिस्तान में मारे जाने वाले आतंकियों के शवों को उनके घरों तक भिजवाने की भी व्यवस्था करता है। अफगानिस्तान में लड़ने वाले लश्कर और अन्य आतंकियों के इलाज के लिए पाकिस्तान अस्थायी अस्पताल भी चला रहा है।

युवाओं को आतंकी बना रही है पाकिस्तानी सेना

पाकिस्तान की सेना अपने यहां युवाओं को जबरन आतंकी बना रही है। क्वेटा, डेरा इस्माइल खान, करक, हंगू, कोहट, पेशावर, मरदन और नवशेरा के युवाओं को ट्रेनिंग देकर अफगानिस्तान जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे बचने के लिए इन प्रांतों से कुछ युवाओं के कराची आने के बाद पाकिस्तान की यह करतूत दुनिया के सामने आई है।

तालिबान से पुराना है पाकिस्तान का याराना

पाकिस्तान द्वारा तालिबान को समर्थन दिए जाने की बात कोई नई नहीं है। लेकिन पाकिस्तान हमेशा इसे इन्कार कर करता रहा है। अब लश्कर के आतंकियों के अफगानिस्तान में पाए जाने के बाद उसकी भूमिका स्पष्ट हो गई है। पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भेजने से पहले उन्हें तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्रों में भी ट्रेनिंग देती रही है। जैश सरगना मसूद अजहर के भी तालिबान के आतंकियों से नजदीकी संबंध रहे हैं। उसने भी तालिबान के साथ मिलकर लड़ने के लिए अपने आतंकियों को अफगानिस्तान भेजे हैं। 


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