तालिबान सरकार को क्षेत्रीय फोरम में लाना चाहता है पाकिस्तान, विदेश मंत्री कुरैशी ने दिए संकेत, जानें इसकी वजह
पाकिस्तान ने तालिबान के नेतृत्व वाले अफगानिस्तान को छह देशों के क्षेत्रीय फोरम में शामिल करने की पैरवी की है। पाकिस्तान का कहना है कि इससे अफगानिस्तान में मानवीय और आर्थिक संकट को टालने में मदद मिलेगी। पढ़ें यह रिपोर्ट...
इस्लामाबाद, रायटर। पाकिस्तान ने तालिबान के नेतृत्व वाले अफगानिस्तान को छह देशों के क्षेत्रीय फोरम में शामिल करने की पैरवी की है। पाकिस्तान का कहना है कि इससे अफगानिस्तान में मानवीय और आर्थिक संकट को टालने में मदद मिलेगी। इस फोरम में पाकिस्तान के अलावा चीन, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और तुर्कमेनिस्तान शामिल हैं।
अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान की तरफ से ही फोरम के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की यह वर्चुअल बैठक बुलाई गई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि फोरम की भावी बैठक में अफगानिस्तान को भी शामिल होने का न्योता दिया जाना चाहिए। इससे अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के मकसद को हासिल किया जा सकता है।
कुरेशी ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान के नई वास्तविकता को दुनिया पुराने नजरिये से नहीं देखे। युद्धग्रस्त देश में हालात जरूर जटील और अस्थिर बने हुए हैं, लेकिन दुनिया को वास्तविक दृष्टिकोण से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान में जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।
कुरैशी ने कहा कि अफगान लोगों की भलाई होनी चाहिए जो 40 वर्षों से ज्यादा समय से भारी नुकसान झेल रहे हैं। हालिया कोशिशों का मतलब मुख्य प्राथमिकताएं मानवीय संकट और आर्थिक मंदी को रोकने के लिए कदम उठाना है। कुरैशी ने बताया कि बैठक में शामिल प्रतिभागियों ने सहमति जताई की कि इन कोशिशों से अफगानिस्तान में शांति बहाली और अफगान धरती से आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने वाले तालिबान ने मंगलवार को नई सरकार के गठन का एलान किया था। इसमें तालिबान के सुप्रीम नेता हिबातुल्ला अखुंदजादा के नजदीकी मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। हालांकि, 33 सदस्यीय कैबिनेट में किसी महिला को जगह नहीं मिली है।