Move to Jagran APP

पाकिस्‍तान के कट्टरपंथियों पर चला सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा, हिंदुओं की हुई बड़ी जीत, जानें- पूरा मामला

पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यक हिंदुओं पर किए जा रहे जुल्‍म किसी से छिपे नहीं हैं। यहां पर हिंदुओं के धार्मिक स्‍थलों पर बहुसंख्‍यक समुदाय की तोड़फोड़ की खबरें भी बेहद आम हैं। लेकिन इस बार कोर्ट के एक आदेश को हिंदुओं की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:38 AM (IST)
पाकिस्‍तान के कट्टरपंथियों पर चला सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा, हिंदुओं की हुई बड़ी जीत, जानें- पूरा मामला
कराची में हिंदु संत की समाधि पर श्रद्धालुओं की भीड़

इस्‍लामाबाद (एएफीपी)। पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्‍य बैंच ने हिंदुओं के धार्मिक स्‍थल धर्मशाला पर किसी भी तरह के अतिक्रमण और डिमोलिशन को तत्‍काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश को पाकिस्‍तान में रहने वाले हिंदु अल्‍पसंख्‍यकों की बड़ी जीत माना जा रहा है। ये धर्मशाला 716 स्‍क्‍वायर यार्ड में हैं। पाकिस्‍तान के कट्टरपंथियों की करतूतों के खिलाफ दायर एक याचिका में पाकिस्‍तान हिंदु काउंसिल के संरक्षक डॉक्‍टर रमेश कुमार वंकवानी ने आरोप लगाया है कि बहुसख्‍ंयक समुदाय इस जगह को नष्‍ट कर यहां पर एक शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स बनाना चाहता है।

prime article banner

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 30 दिसंबर को यहां पर करीब 100 स्‍थानीय लोगों ने राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर हमला बोल दिया था। हिंदुओं के इस धार्मिक स्‍थल पर तोड़फोड़ की गई और यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के साथ मार-पीट की गई थी। इतना ही नहीं इन लोगों ने यहां पर आग भी लगा दी थी। ये लोग लगातार इसको नष्‍ट करने और हिंदुओं के मंदिर को हटाने को लेकर नारेबाजी भी कर रहे थे। आपको बता दें कि ये जगह हिंदुओं के एक संत का समाधि स्‍थल है। हर रोज यहां पर श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और पूजा पाठ करते हैं। डॉक्‍टर रमेश द्वारा सुप्रीम कोर्ट का इस ओर ध्‍यान खींचने वाली याचिका पर ही ताजा फैसला आया है।

चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्‍तान जस्टिस गुलजार अहमद के नेतृत्‍व में बनी खंडपीठ ने अपने आदेश में कोर्ट ने सिंध के सचिव को इस धार्मिक स्‍थल के बारे में ताजा रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने दिसंबर में यहां पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटना की जांच के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट ने खैबर पख्‍तूख्‍वां के इंस्‍पेक्‍टर जनरल और अल्‍पसंख्‍यक आयोग के डॉक्‍टर शोएब सुडले को एक सदस्‍य आयोग से पूरी घटना की जांच कराने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने कराची के कमिश्‍नर को इस जगह का हक अपने हाथों में लेने का भी आदेश दिया है।

डॉक्‍टर रमेश ने अपनी याचिका में कहा है कि इवेक्‍यू ट्रस्‍ट प्रॉपटी बोर्ड ने इस जगह को लीज पर एक प्राइवेट डीलर को दे दिया है। वो यहां पर एक नई बिल्डिंग बनाना चाहता है। सुबूत के तौर पर उन्‍होंने कोर्ट के समक्ष कुछ फोटोग्राफ पेश किए हैं। इसमें इसके 1932 में बनाए जाने का सुबूत भी शामिल है। उन्‍होंने कोर्ट से अपील की है कि इसको हैरिटेज बिल्डिंग के तौर पर संरक्षित किया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें

पाकिस्‍तान में डेल्‍टा वैरिएंट मिलने के बाद सता रही महामारी की चौथी लहर आने की आशंका 

जानें- मास्‍को के मेयर को 15-19 तक क्‍यों करना पड़ी नॉन वर्किंग वीक की घोषणा, फेस्टिवल नहीं इसकी वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.