पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ से कहा, पहले करो सरेंडर फिर होगी सुनवाई
Pak SC refuses to hear Musharraf plea पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रद्रोह मामले में सजा के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ/आइएएनएस। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह मामले में मौत की सजा को चुनौती देने वाली पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की अर्जी पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका वापस करते हुए कहा कि जब तक वह सरेंडर नहीं करते हैं, तब तक उनको अपील करने की इजाजत नहीं होगी। मुशर्रफ ने गत गुरुवार को शीर्ष कोर्ट में अर्जी दाखिल कर विशेष अदालत के फैसले को रद करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष अदालत ने गत 17 दिसंबर को मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी।
एक महीने के भीतर करना होगा सरेंडर
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय ने शुक्रवार को इस टिप्पणी के साथ पूर्व सैन्य शासक मुशर्रफ की अर्जी लौटा दी कि अपील से पहले दोषी आत्मसमर्पण करें। सर्वोच्च अदालत ने इस आपत्ति को दूर करने के लिए एक माह की मोहलत दी है। इसका मतलब यह हुआ कि मुशर्रफ को एक महीने के अंदर सरेंडर करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वह अपील करने का अधिकार गंवा देंगे।
दाखिल की थी 90 पेज की अर्जी
74 वर्षीय पूर्व सेना प्रमुख मुशर्रफ ने अपने वकील सलमान सफदर के जरिये गत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में 90 पेज की अर्जी दाखिल की थी। इसमें बताया गया था कि विशेष अदालत में मुशर्रफ की अनुपस्थिति इरादतन नहीं थी। वह खराब सेहत के कारण अदालत में पेश नहीं हो पा रहे थे। मुशर्रफ को बीमार मानने के बावजूद विशेष अदालत ने उनकी अनुपस्थिति में फैसला सुना दिया। इसके पहले बीते सोमवार को लाहौर हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की अपील पर विशेष अदालत के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था।
इस मामले में हुई सजा
वर्ष 2007 में पाकिस्तान पर आपातकाल लागू करने, संविधान को निलंबित करने और जजों को हिरासत में रखने के आरोप में मुशर्रफ के खिलाफ 2013 में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार की ओर से दर्ज कराया गया था। मामले में खुद को घिरते देख मुशर्रफ इलाज के बहाने 18 मार्च, 2016 को दुबई चले गए थे। तब से वह अपने मुल्क नहीं लौटे हैं। उन्होंने अपने वकील के द्वारा पाकिस्तान में खुद की जान को खतरा बताया था। फिलहाल, वह दुबई में अपनी बीमारी का इलाज करा रहे हैं।