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पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को समयसीमा में तोड़े गए मंदिर को तुरंत बनाने के आदेश दिए

सोमवार को चीफ जस्टिस गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने जानना चाहा कि क्या मंदिर मुद्दे पर किसी तरह की वसूली या गिरफ्तारी हुई है या नहीं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:05 AM (IST)
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को समयसीमा में तोड़े गए मंदिर को तुरंत बनाने के आदेश दिए
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने तोड़े गए मंदिर को तुरंत बनाने के आदेश दिए

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में कट्टरपंथियों द्वारा मंदिर जलाए जाने की वारदात को गंभीरता से लिया है। शीर्ष अदालत ने प्रांतीय सरकार को जहां तुरंत मंदिर निर्माण शुरू करने का आदेश दिया है, वहीं इमरान सरकार से इसके पूरा होने की समयसीमा बताने को भी कहा है। बता दें कि करक जिले के टेरी गांव में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए- इस्लाम पार्टी (फजलुर रहमान गुट) के सदस्यों ने पिछले वर्ष दिसंबर में लगभग सौ वर्ष पुराने मंदिर में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसके पुनर्निर्माण का आदेश दिया था।

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मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए उन लोगों से पैसा वसूलने को कहा था, जिन्होंने इसे जलाया था

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, सोमवार को चीफ जस्टिस गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने जानना चाहा कि क्या मंदिर मुद्दे पर किसी तरह की वसूली या गिरफ्तारी हुई है या नहीं। जनवरी में शीर्ष अदालत ने प्रांतीय सरकार को मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए उन लोगों से पैसा वसूलने को कहा था, जिन्होंने इसे जलाया था। हिंदू और सिखों के धार्मिक स्थलों का रखरखाव करने वाले इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के वकील इकराम चौधरी ने अदालत को बताया कि अब तक किसी तरह की वसूली नहीं हुई है। 

बोर्ड ने सरकार द्वारा मंदिर पुनर्निर्माण के लिए तीन करोड़ रुपये मंजूर किए जाने की बात भी कोर्ट को बताई। इस पर न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन ने मंदिर जलाने वालों से पैसा वसूलने का आदेश देते हुए कहा कि ऐसा करना जरूरी है ताकि आरोपित सबक सीख सकें। सुनवाई अगले सोमवार तक स्थगित करते हुए चीफ जस्टिस ने ईटीपीबी प्रमुख को कोर्ट में पेश होकर इस मामले में अब तक हुई प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा। 

हिंदू समुदाय करे मंदिर का पुनर्निर्माण  

हिंदू परिषद के प्रमुख और नेशनल असेंबली (पाकिस्तान की संसद) के सदस्य रमेश कुमार ने कोर्ट को बताया कि खैबर पख्तूख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने कहा था कि करक संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे मंदिर का पुनर्निर्माण हिंदू समुदाय द्वारा किया जाना चाहिए। बाद में प्रांतीय सरकार मंदिर निर्माण की लागत अदा कर देगी। खैबर पख्तूनख्वा के अतिरिक्त महाधिवक्ता के मुताबिक मंदिर पुननिर्माण के लिए निविदा जारी की जानी चाहिए।

होली महोत्सव के लिए प्रह्लाद पुरी मंदिर में तैयारी करें

सुनवाई के दौरान ही चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने मुल्तान स्थित प्रह्लाद पुरी मंदिर को 28 मार्च के होली महोत्सव के लिए तैयार करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस ने मंदिर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के चेयरमैन, पंजाब के आइजी और मुख्य सचिव को निर्देश दिया है। 

भक्त प्रह्लाद ने नरसिंह अवतार के सम्मान में बनवाया था मंदिर

प्रह्लाद पुरी का यह विष्णु मंदिर हिरण्यकश्यप के बेटे प्रह्लाद ने नरसिंह अवतार के सम्मान में और अपने पिता की याद में बनवाया था। उस समय प्रह्लाद मुल्तान के राजा थे। हालांकि जब मुल्तान पर जब मुसलमानों की हुकूमत शुरू हुई तो वहां के मशहूर सूर्य मंदिर और प्रह्लाद मंदिर को तोड़कर नष्ट कर दिया गया। रिकार्ड के अनुसार 1810 में जब मुल्तान पर सिख शासकों का राज आया तो मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया।

विभाजन के बाद मुल्तान के करीब-करीब सभी हिंदू भारत आ गए। मंदिर के महंत बाबा नारायण दास बत्रा मंदिर में रखी नरसिंह भगवान की मूर्ती लेकर भारत आ गए। यह मूर्ति अब हरिद्वार में स्थापित है। जो थोड़े-बहुत हिंदू मुल्तान में रह गए थे, उन्होंने मंदिर में पूजा पाठ जारी रखा। अयोध्या प्रकरण के बाद मंदिर को पूरी ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि इसके चंद अवशेष अब भी मुल्तान में मौजूद हैं और वहां पर हिंदू होली के उत्सव को मनाते हैं। 

हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय

पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। सरकारी अनुमानों के अनुसार पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, समुदाय के अनुसार देश में उनकी संख्या 90 लाख से अधिक है। अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में है।


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