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FATF की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने पर तिलमिलाया पाकिस्‍तान, अब संस्‍था पर ही उठा रहा सवाल

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अब एफएटीएफ जैसी वैश्विक संस्‍था पर ही सवाल उठा दिए हैं। पाकिस्‍तान इन दिनों संस्‍था द्वारा उसे ग्रे-लिस्‍ट में बनाए रखने से बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:54 AM (IST)
FATF की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने पर तिलमिलाया पाकिस्‍तान, अब संस्‍था पर ही उठा रहा सवाल
पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री का बेतुका बयान

इस्‍लामाबाद (एएफपी)। एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने के फैसले के बाद पाकिस्‍तान इन दिनों बुरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। इस फैसले के बाद पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एफएटीएफ पर ही सवाल उठा दिए हैं। आपको बता दें कि 25 जून को पेरिस में चली एफएटीएफ की पांच दिवसीय बैठक के बाद पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में ही बनाए रखने का फैसला लिया गया था। एफएटीएफ ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ये साफ कर दिया था कि जब तब पाकिस्‍तान द्वारा संस्‍था के बताए एक भी बिंदु पर काम किया जाना बाकी रहेगा तब तक उसको ग्रे लिस्‍ट में ही रखा जाएगा।

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25 जून को आए इस फैसले के बाद पाकिस्‍तान की तरफ से इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। समाचार एजेंसी ने रेडियो पाकिस्‍तान के हवाले से बताया है कि शाह महमूद कुरैशी ने इस फैसले के बाद एफएटीएफ पर ही सवाल उठा दिया है। कुरैशी ने भारत की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि ये देखने की जरूरत हे कि कहीं इस मंच का इस्‍तेमाल राजनीतिक तौर पर तो नहीं किया जा रहा है। रेडियो पाकिस्‍तान से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि कुछ देश एफएटीएफ के जरिए पाकिस्‍तान को लटकाए रखना चाहते लगातार उसपर तलवार चलाना चाहते हैं। कुरैशी ने कहा कि इसको देखा जाना चाहिए कि एफएटीएफ एक टेक्‍नीकल फोरम है या फिर राजनीतिक।

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री का कहना था कि ये उनके हित में है कि वो आतंकवाद के पालन-पोषण पर रोक लगाए। पाकिस्‍तान को अपने हित के लिए जो करना चाहिए वो किया जा रहा है। एजेंसी के मुताबिक 25 जून को एफएटीएफ के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर मारकस प्‍लेयर ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में बनाए रखने का फैसला सुनाते हुए कहा था कि एक भी बिंदु छूटने तक पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट से बाहर नहीं किया जा सकता है।

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान वर्ष 2018 से ही संस्‍था की ग्रे लिस्‍ट में शामिल है। वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्‍लेयर ने ये भी कहा कि पाकिस्‍तान से एफएटीएफ के बताए 27 में से 26 बिंदुओं पर काम किया है। साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि यूएन प्रतिबंधित आतंकी संगठनों पर अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।

आपको बता दें कि एफएटीएफ के फैसले से पहले शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्‍तान ने 27 में से 26 प्‍वाइंट्स पूरे किए हैं। इसलिए अब कोई वजह नहीं है कि उसको ग्रे लिस्‍ट में बनाकर रखा जाए। उन्‍होंने तब भारत पर सीधा हमला बोला था और कहा थाकि भारत इस मंच का राजनीतिकरण करना चाहता है, जो उसको नहीं करने दिया जाएगा।


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