रिहा नहीं होंगे डैनियल पर्ल के हत्यारे आतंकी, हाईकोर्ट के आदेश को सिंध सरकार ने दरकिनार कर लिया फैसला
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने फैसला किया है कि वह डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के चार आरोपियों को रिहा नहीं करेगी। सिंध हाईकोर्ट ने अलकायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहायकों को रिहा करने को कहा था।
कराची, आईएएनएस/पीटीआइ। पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत (Sindh province) की सरकार ने फैसला किया है कि वह 18 साल पहले अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल (Daniel Pearl) के अपहरण और हत्या के चार आरोपियों को रिहा नहीं करेगी। मालूम हो कि पुलिस और अभियुक्तों के वकील ने शुक्रवार को दावा किया था कि डेनियल पर्ल को अगवा कर उनकी हत्या के मामले में अलकायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहायकों को अदालत की रिहाई के आदेश के बाद शनिवार को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
बता दें कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल (38) को साल 2002 में अगवा कर लिया गया था। बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। यह घटना उस वक्त हुई थी जब वह पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन अलकायदा के संबंधों पर रिपोर्ट कर रहे थे। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में सिंध हाईकोर्ट की एक बेंच ने आतंकी शेख सईद की मौत की सजा को सात साल जेल में बदल दिया था।
बाद में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिए जाने का फैसला सुनाया। पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सिंध सरकार का मानना है कि चारों आरोपियों अहमद उमर सईद शेख, फहद नसीम अहमद, सैयद सलमान साकिब, शेख आदिल के संबंध में 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किया गया आदेश अभी भी सरकार के पक्ष में है। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने कहा था कि सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपियों को रिहा नहीं किया जाएगा।
बीते 24 दिसंबर को सिंध हाईकोर्ट ने सिंध की सरकार को गुनहगारों को तुरंत रिहा किए जाने का आदेश दिया था। अदालत ने सुरक्षा एजेंसियों को शेख और अन्य आरोपियों को किसी भी तरह हिरासत में नहीं रखने का निर्देश देते हुए उनकी हिरासत से संबंधित सिंध सरकार की अधिसूचनाओं को अमान्य कर दिया था। अदालत ने आरोपियों की हिरासत को अवैध करार दिया था। अब सरकार की ओर से आरोपियों को रिहा नहीं करने की जानकारी सामने आई है। 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सिंध सरकार अब हाईकोर्ट के उक्त आदेश को चुनौती देगी।