Pulwama Terror Attack: भारत ने वापस लिया MFN का दर्जा, पाकिस्तान बोला हमें खबर नहीं
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने रविवार को कहा कि, भारत ने पाकिस्तान को सूचित नहीं किया है कि वह मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले रहा है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान का बेतुका बयान सामने आया है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने रविवार को कहा कि, भारत ने पाकिस्तान को सूचित नहीं किया है कि वह मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले रहा है। अब्दुल रजाक के हवाले से जियो न्यूज ने बताया कि अभी तक नई दिल्ली की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी इस संबंध में नहीं दी गई है। बता दें कि गुरुवार को पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (सर्वाधिक तरजीही देश) का दर्जा छीन लिया था और आयात सामानों पर 200 फीसद कस्टम ड्यूटी लगा दी थी।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरने की धमकी
अब्दुल रजाक दाउद ने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत से बात कर सकता है और विश्व व्यापार संगठन समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश वैश्विक व्यापार निकाय के सदस्य हैं। भारत अंतरराष्ट्रीय संधि को मानने के लिए बाध्य है। दरअसल दोनों देशों के बीच अरबों रुपये का कारोबार होता है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को करारी आर्थिक चोट पड़ेगी। साल 2017-18 मेंपाकिस्तान भारत को लगभग 3,482 करोड़ रुपये के सामान का निर्यात किया था। पाकिस्तान खासकर ताले फल, सीमेंट, कॉटन, मसाले इत्यादि का निर्यात करता है। अभी तक फल पर 30-50 फीसद और सीमेंट पर 7.5 फीसद आयात शुल्क लगता था, जो बढ़कर अब 200 फीसद हो जाएगा।
हालांकि, भारत को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। लेकिन आतंकी हमले के सामने यह नुकसान कोई मायने नहीं रखता। 2017-18 में भारत ने पाकिस्तान को लगभग 17,000 करोड़ रुपये के सामान का निर्यात करता है। भारत मुख्यरूप से कॉटन, सूती धागे, रसायन और प्लास्टिक का निर्यात करता है।
क्या होता है एमएफएन?
MFN यानि मोस्ट फेवर्ड नेशन एक खास दर्जा होता है। यह दर्जा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है। इसमें MFN राष्ट्र को भरोसा दिलाया जाता है कि उसके साथ भेदभाव रहित व्यापार किया जाएगा। डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार भी ऐसे दो देश एक-दूसरे से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं कर सकते। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर व्यापार सहयोगी को खास स्टेटस दिया जाता है तो WTO के सभी सदस्य राष्ट्रों को भी वैसा ही दर्जा दिया जाना चाहिए।
इसका मतलब केवल इतना है कि व्यापार में कोई भी देश जिसे ये दर्जा मिला हो वो किसी दूसरे देश की तुलना में घाटे में नही रहेगा। जब किसी देश को यह दर्जा दिया जाता है तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह शुल्कों में कटौती करेगा। अलावा उन दोनों देशों के बीच कई वस्तुओं का आयात और निर्यात भी बिना किसी शुल्क के होता है। भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा 1996 में दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने आज तक भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया है।