पाकिस्तान के पंजाब में प्रकाशकों को हो सकती है जेल, जानें क्यों ...
पाकिस्तान के प्रकाशकों को अब लिखकर आलेख प्रकाशित करने से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
इस्लामाबाद, एएफपी। पाकिस्तान में संख्या बहुल प्रांत के प्रकाशकों को जल्द ही जेल जाना पड़ सकता है। किसी भी पुस्तक, आलेख या कोई भी लिखित सामग्री के प्रकाशन से पहले यदि प्रकाशकों को सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिलती है तो उन्हें कैद की सजा मिल सकती है। पंजाब में सांसदों ने सर्वसम्मति से एक फैसले को पिछले माह मंजूरी दी जो आपत्तिजनक प्रकाशित सामग्रियों को निशाना बनाने वाले विधेयक से संबंधित है। पंजाब पाठ्यक्रम (PCTB) चीफ राय मंजूर हुसैन नासिर ने एएफपी को बताया, 'किताबों के प्रकाशन से पहले प्रकाशकों को अनुमति लेनी होगी।' उन्होंने आगे बताया कि यदि टेक्सटबुक में से कंटेंट को हटाया जाएगा तब बैन हटा दिया जाएगा।
कुछ दिन पहले ही पंजाब के पाठ्यक्रम और टेक्स्ट बुक बोर्ड ने 100 से अधिक किताबों को राष्ट्रविरोधी और धर्मविरोधी करार देकर प्रतिबंधित कर दिया था। गणित की एक किताब को तो सूअर की तस्वीर प्रकाशित होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। पाकिस्तान में पहले से ही ईशनिंदा के खिलाफ सख्त कानून हैं जो इस्लाम भाषण, सांप्रदायिकता, देश और सेना के खिलाफ बयानबाजी को प्रतिबंधित करते हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार इस विधेयक के कानून बने के बाद धार्मिक पुस्तकों और धर्म और आस्था से जुड़ी सामग्रियों का अपमान करने पर पांच साल की सजा और 3 हजार अमेरिकी डॉलर का जुर्माना होगा। इसके अलावा चरमपंथियों की तारीफ करने और धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने पर भी सजा होगी। पंजाब सरकार के जनपसंपर्क विभाग के पास इस विधेयक के कानून बनते ही नई ताकतें आ जाएंगी। विभाग ऐसी सामग्री के प्रकाशन को रोक सकेगा, जिन्हें वो राष्ट्रहित, संस्कृति, धर्म या सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ समझे।
यही नहीं प्रकाशकों और प्रकाशित सामग्री मंगाने वालों को सामग्री की कॉपी डीजीपीआर के पास जमा करानी होगी और ऐसा न करने पर भी सजा का प्रावधान है। कानून लागू होने के बाद पैगंबर मोहम्मद के नाम से पहले खत्म-अन-नबीइन (आखिरी पैगंबर) लिखना भी अनिवार्य होगा।