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जानें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद को क्यों बुलाया 'मूर्ख'

पंजाब के मुख्यमंत्री के दौरान शहबाज शरीफ ने न तो अपना वेतन लिया था और न ही इस पद पर मिलने वाले लाभों को स्वीकार किया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज ने मनी लांड्रिंग केस की सुनवाई के दौरान यह बात कही और खुद को मजनू (मूर्ख) करार दिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 05:36 PM (IST)
जानें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद को क्यों बुलाया 'मूर्ख'
जानें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद को क्यों बुलाया 'मजनू (मूर्ख)'

लाहौर, प्रेट्र। मनी लांड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान शनिवार को पाकिस्तान की एक अदालत में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने खुद को 'मूर्ख' बताया।  दरअसल 16 बिलियन पाकिस्तानी रुपये के मनी लांड्रिंग मामले की सुनवाई में शहबाज की आज अदालत में पेशी हुई। इस दौरान उन्होंने एक पुराने वाकये का जिक्र किया। शहबाज ने बताया कि वे 'मूर्ख (मजनू)' थे कि पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहते हुए न तो अपना वेतन लिया और न ही पद पर मिलने वाला कोई लाभ लिया और आज मनी लांड्रिंग का केस उनपर चलाया जा रहा है।

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4 जून तक बढ़ाई गई शहबाज व बेटे हमजा की जमानत

वर्तमान में हमजा पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं जबकि सुलेमान फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है। 4 जून तक कोर्ट ने प्रधानमंत्री और उनके बेटे हमजा की जमानत बढ़ा दी। FIA की जांच में खुलासा हुआ कि इसने 28 बेनामी खाते का पता लगाया जो कथित तौर पर शहबाज परिवार का है। इन खातों के जरिए साल 2008 से 2018 के बीच 14 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की लांड्रिंग की गई।

2020 में FIA ने दर्ज किया था मामला

शहबाज और उनके दो बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ 2020 के नवंबर में फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (FIA) ने मामला दर्ज किया था। यह मामला भ्रष्टाचार की रोकथाम और एंटी मनी लांड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया। इसके पहले भी पाकिस्तान नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 2019 में शहबाज शरीफ और उनके बेटे पर मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया था और कार्रवाई शुरू की थी। तब उनकी और उनके बेटे हमजा की कुल 23 संपत्तियों को एनएबी ने जब्त कर लिया था। यही नहीं सितंबर 2020 में शहबाज की गिरफ्तारी भी हुई थी। वह कुछ दिन जेल में भी रहे।

साढ़े बारह सालों तक सरकार से नहीं लिया कुछ भी- शहबाज 

आरोप के अनुसार FIA ने 17 हजार रुपये के ट्रांजैक्शन की छानबीन की। ये रकम शहबाज को मिले थे। जज इजान हसन अवान (Judge Ijaz Hassan Awan) की इजाजत पर शहबाज ने कहा, 'मैंने साढ़े बारह सालों में सरकार से कुछ नहीं लिया और इस मामले में 2.5 मिलियन रुपये की लांड्रिंग का आरोपी हूं।' शहबाज ने सुनवाई के दौरान कहा, 'अल्लाह ने मुझे इस देश का प्रधानमंत्री बनाया है। मैं मजनू हूं और मैंने अपना कानूनी अधिकार नहीं लिया, मेरी सैलरी और लाभ कुछ नहीं।' उन्होंने याद कर बताया कि जब पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने एक्सपोर्ट की सीमा निर्धारित की थी तब उनके पास सेक्रेटरी ने चीनी निर्यात को लेकर एक गुजारिश की थी जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। साल 1997 में शहबाज पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे उस वक्त उनके भाई नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री थे।


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