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इमरान खान की जुबानी जानें- पाकिस्‍तान ने क्‍या की सबसे बड़ी गलती, जिस पर आज हो रहा पछतावा

इमरान खान का कहना है कि देश ने तकनीक के साथ न चलकर सबसे बड़ी गलती की है। इसकी वजह से देश पिछड़ गया। अब ऐसा नहीं होगा। अब पाकिस्‍तान इस क्षेत्र में दुनिया के साथ साथ कदम आगे बढ़ाएगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 06:30 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 04:39 PM (IST)
इमरान खान की जुबानी जानें- पाकिस्‍तान ने क्‍या की सबसे बड़ी गलती, जिस पर आज हो रहा पछतावा
तकनीक के क्षेत्र में दुनिया से पिछड़ गया पाकिस्‍तान

इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश ने सबसे बड़ी गलती तकनीक के क्षेत्र में दुनिया के साथ कंधे से कंधा न मिलकर चलने की है। इसका खामियाजा पाकिस्‍तान को आज तक उठाना पड़ रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पाकिस्‍तान दुनिया के साथ तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़कर काम करेगा और साथ भी चलेगा। इमरान खान ने ये बातें खैबर पख्‍तूंख्‍वां की यूनिवर्सिटी में एक नए अकादमिक ब्‍लॉक और एग्‍जामिनेशन सेंटर के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।

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इस दौरान उन्‍होंने कहा कि अब पाकिस्‍तान दुनिया में चल रही तकनीकी क्रांति का हिस्‍सा बनेगा और इसके महत्‍व और तकनीकी शिक्षा पर पूरा जोर देगा। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा समय में टेक्‍नॉलॉजी एडवांसमेंट अभूतपूर्व है। अगर हम अब भी तकनीक के साथ और इसको अपने साथ लेकर नहीं चले तो हम काफी पीछे रह जाएंगे। पाकिस्‍तान इतिहास में ऐसी गलती कर चुका है। इसको दोहराया नहीं जा सकता है।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक के दम पर देश तरक्‍की की राह पर चल सकता है और समाज में भी बदलाव ला सकता है। इतना ही नहीं आर्थिक तौर पर कमजोर हो रहे देश को तकनीक के रास्‍ते पर चलकर एक नई मंजिल तक ले जाया जा सकता है। जानकारी से लबरेज अर्थव्‍यवस्‍था ही दुनिया को आगे ले जाने का माद्दा रखती है। उनका कहना था कि सरकार को कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी यदि वो अपने नौजवानों को शिक्षित कर दे, और एक अच्‍छी शिक्षा दे सके। इसके बाद उस देश का नौजवान ही देश को आगे ले जाएगा। अपने भाषण में इमरान खान ने कहा कि वो नमाल यूनिवर्सिटी को ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि ये शहर नॉलिज सिटी के तौर पर जाना जाए।

इस मौके पर उन्‍होंने देश की माली हालत के बारे में भी बात की। उन्‍होंने कहा कि जिस वक्‍त उनकी सरकार वर्ष 2018 में सत्‍ता में आई थी उस वक्‍त देश के ऊपर बड़ा भारी कर्ज था और खजाना खाली था। इस कर्ज को उतारने में पाकिस्‍तान के मित्र देशों ने उसकी मदद की। उनका कहना था कि यदि हम कर्ज चुकाने में नाकाम हो जाते तो पाकिस्‍तान में लोग भूखे मर रहे होते। उन्‍होंने कहा कि आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि सरकार को क्‍या कुछ सहना पड़ा है। पीटीआई की सरकार बनने के बाद 35 हजार अरब का कर्ज चुकाया गया है। इसलिए मौजूदा समय में सरकार के पास शिक्षा पर, अस्‍पतालों पर और सड़कों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं है।

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