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नेताओं के उत्पीड़न पर पाक विपक्षी दल सीनेट में बिफरे, जांच एजेंसी एनएबी पर लगाए गंभीर आरोप

शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्च सदन में विपक्षी दलों ने एनएबी को अपने निशाने पर रखा। विपक्षी सांसदों ने कहा कि एनएबी एक तरफा कार्रवाई कर रही है। यह एजेंसी विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) को कमजोर करने के लिए इमरान सरकार के इशारे पर कार्रवाई कर रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 05:40 PM (IST)
नेताओं के उत्पीड़न पर पाक विपक्षी दल सीनेट में बिफरे, जांच एजेंसी एनएबी पर लगाए गंभीर आरोप
पाकिस्तान की संसद और इमरान खान की फाइल फोटो

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान की जांच एजेंसी नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के लगातार उत्पीड़न करने पर सीनेट (उच्च सदन) में विपक्षी दल बिफर गए। विपक्षी सांसदों ने कहा कि एनएबी सरकार काहथियार बन गया है। विपक्षी गठबंधन नेता फजलुर रहमान ने कहा है कि अब हम हर हाल में इमरान सरकार को उखाड़ देंगे। इधर विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि इमरान सरकार 31 जनवरी को इस्तीफा नहीं देगी।

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शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्च सदन में विपक्षी दलों ने एनएबी को अपने निशाने पर रखा। विपक्षी सांसदों ने कहा कि एनएबी एक तरफा कार्रवाई कर रही है। यह एजेंसी विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) को कमजोर करने के लिए इमरान सरकार के इशारे पर कार्रवाई कर रही है। एनएबी की हिरासत में मौत हो रही हैं और मानवाधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन कर रही है।

एनएबी चेयरमैन की अनैतिक वीडियो-ऑडियो क्लिप वायरल करके सरकार उन्हें ब्लैकमैल कर रही है। यही कारण है कि पीडीएम नेता फजलुर रहमान नोटिस देने के बाद भी एनएबी के सामने पेश नहीं हुए।

विपक्षी सांसदों ने कहा कि एनएबी पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) का एक संगठन बन कर रह गई है।

इधर 29 दिसंबर को पीएमएल-एन पार्टी के वरिष्ठ नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ को एनएबी ने इस्लामाबाद में अवैध संपत्ति के मामले में गिरफ्तार कर लिया है।

31 जनवरी तक इमरान खान को इस्तीफा नहीं देने पर विपक्षियों का और तेज होगा मार्च

पीडीएम नेता फजलुर रहमान ने कहा है कि मीडिया अभियान चलाकर यह दुष्प्रचार कर रहा है कि विपक्षियों में फूट पड़ गई है। इस दुष्प्रचार से इमरान सरकार को उखाड़ फेंकने के हमारे इरादे और मजबूत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार 31 जनवरी को इस्तीफा नहीं देती है तो हमारा वृहद मार्च होगा। अभी यह तय किया जाना है कि यह मार्च राजधानी इस्लामाबाद में किया जाए या सेना के मुख्यालय रावलपिंडी में हो।


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