Pakistan News: आतंकवाद समाप्त करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को झटका, कबायली परिषद के साथ वार्ता रही बेनतीजा
कबायली परिषद के नेताओं के 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच अफगानिस्तान में वार्ता बिना नतीजे के समाप्त हो गई। इससे अशांत सीमावर्ती क्षेत्र में लगभग दो दशकों से जारी आतंकवाद समाप्त करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को गहरा झटका लगा है।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत से कबायली परिषद के नेताओं के 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच अफगानिस्तान में वार्ता बिना नतीजे के समाप्त हो गई। इससे अशांत सीमावर्ती क्षेत्र में लगभग दो दशकों से जारी आतंकवाद समाप्त करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को गहरा झटका लगा है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार को काबुल पहुंचा था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सोमवार को अपनी खबर में बताया कि टीटीपी ने पूर्ववर्ती संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्रों के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में विलय वापस लेने की अपनी मांग से पीछे हटने से इन्कार कर दिया।
संगठन ने शांति समझौते हो जाने के बाद भी हथियार डालने से मना कर दिया है। पाकिस्तानी धार्मिक विद्वानों का एक दल एक दिन पहले टीटीपी नेतृत्व के साथ बैठक के बाद अफगानिस्तान से स्वदेश लौटा है। इसके बाद इस प्रतिनिधिमंडल को भी निराशा हाथ लगी है। वार्ता का दूसरा दौर ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान सरकार और टीटीपी लगभग दो दशकों के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए बातचीत जारी रखते हुए संघर्ष विराम का विस्तार अनिश्चित काल के लिए करने पर पिछले महीने सहमत हुए थे।
सामरिक रूप से अहम वखानगलियारे पर तालिबान का कब्जा
तालिबान ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण वखान गलियारे पर कब्जा कर लिया है। यह कारिडोर अफगानिस्तान के उत्तर से चीन तक फैला हुआ है। 27 जुलाई को तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान के वखान कारिडोर बार्डर पोस्ट पर हमला किया और इलाके पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान में इंटरनेट मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तालिबान लड़ाकों को पाकिस्तान के निशान वाले पिलर को गिराते हुए देखा जा सकता है।
इस बीच चीन की मेहरबानी से पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में डालने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव पर रोक लगा दी। बता दें अमेरिका पहले ही मक्की को आतंकवादी घोषित कर चुका है। अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है।