पाकिस्तान अल्पसंख्यक श्राइन बोर्ड ने पंज तीरथ के नियंत्रण पर लगाई रोक
हिंदू राजपूत सोसायटी ने तर्क दिया है कि राजपूतों के पास पेशावर में पूजा के लिए कोई मंदिर नहीं है, जबकि दूसरे हिंदुओं के पास धार्मिक स्थल उपलब्ध हैं।
पेशावर, प्रेट्र। पाकिस्तान के विस्थापित संपत्ति ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) ने पंज तीरथ के नियंत्रण से पेशावर जिला प्रशासन को रोक दिया है। हिंदू धार्मिक क्षेत्र पंज तीरथ को हाल ही में राष्ट्रीय विरासत घोषित किया गया था। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू और सिखों के धार्मिक स्थलों का प्रबंधन करने वाले ईपीटीबी ने कहा कि पंज तीरथ को लेकर पेशावर हाई कोर्ट में दो मामले लंबित हैं, जब तक कोई फैसला नहीं आता तब तक उसे कोई नियंत्रण में नहीं ले सकता।
हिंदू धार्मिक क्षेत्र पंज तीरथ को हाल ही में घोषित किया गया था राष्ट्रीय विरासत
ईपीटीबी उप निदेशक ने पेशावर के उपायुक्त को लिखे आधिकारिक पत्र में कहा, 'खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व विभाग ने पंज तीरथ को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया है, लेकिन इसके बारे में अब तक लिखित सूचना नहीं दी है। मंदिर ईपीटीबी की संपत्ति हैं। बिना ईपीटीबी को विश्वास में लिए मंदिर को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया जाना तर्क से परे है।'
पत्र में कहा गया है कि संघीय विभाग ईपीटीबी के अपने नियम-कायदे हैं। कोई प्रांतीय सरकार यह नहीं साबित कर सकती कि उसके नियम संघीय नियम से ऊपर हैं इसलिए पेशावर प्रशासन को पंज तीरथ के मंदिरों को नियंत्रण में लेने और पुरातत्व विभाग को सौंपने से बचना चाहिए।
उधर, एक नए घटनाक्रम में हिंदू राजपूत सोसायटी पेशावर ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, धार्मिक मामलों के केंद्रीय मंत्री तथा अल्पसंख्यक मामलों की नेशनल एसेंबली कमेटी के चेयरमैन को पत्र लिखकर पंज तीरथ के नियंत्रण की मांग की है। उसने तर्क दिया है कि राजपूतों के पास पेशावर में पूजा के लिए कोई मंदिर नहीं है, जबकि दूसरे हिंदुओं के पास धार्मिक स्थल उपलब्ध हैं।