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Kulbhushan Jadhav: पाक ने भेजा कुलभूषण को भारतीय राजनयिक से मिलाने का प्रस्ताव

पाकिस्तान में फांसी की सजा प्राप्त भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को भारत के राजनयिकों से मिलाने का एक बार फिर प्रस्ताव पाकिस्तान की तरफ से आया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 11:20 PM (IST)
Kulbhushan Jadhav: पाक ने भेजा कुलभूषण को भारतीय राजनयिक से मिलाने का प्रस्ताव
Kulbhushan Jadhav: पाक ने भेजा कुलभूषण को भारतीय राजनयिक से मिलाने का प्रस्ताव

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Consular Access to Kulbhushan Jadhav: पाकिस्तान में फांसी की सजा प्राप्त भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को भारत के राजनयिकों से मिलाने का फिर प्रस्ताव पाकिस्तान की तरफ से आया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने ट्विटर पर इस बारे में जानकारी दी है।

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बिना किसी प्रतिबंध के राजनीतिक मदद मिले
इस बारे में फैजल ने लिखा है कि भारतीय नौ सेना के अधिकारी और रॉ के एजेंट कमांडर कुलभूषण जाधव को विएना समझौते, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले और पाकिस्तानी कानून के मुताबिक 2 सितंबर, 2019 को राजनयिक पहुंच दी जाएगी। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पाक का यह नया प्रस्ताव उसके पुराने प्रस्ताव से कितना भिन्न है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल आधिकारिक रूप से इस बारे में अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि वह इस प्रस्ताव को तभी मंजूर करेंगे अगर वह अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के अनुरूप होगा।

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पहले मिले प्रस्‍ताव को भारत ने ठुकरा दिया था
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने ठीक एक महीने पहले यानी 1 अगस्त, 2019 को भी इस तरह का प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे भारत ने ठुकरा दिया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान का प्रस्ताव कई तरह के शर्तों के साथ है। पाकिस्तान ने जाधव को दो भारतीय राजनयिकों से मिलने की इजाजत तो दी थी लेकिन यह शर्त रखा था कि उसके साथ एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी भी होगा। इस पर भारत ने ऐतराज जताया था कि यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुरूप नहीं है।

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निर्बाध तरीके से मुलाकात का प्रस्ताव
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि जाधव को एक स्वतंत्र व निष्पक्ष माहौल में भारतीय राजनयिकों से मिलने की छूट होनी चाहिए। भारत का अभी भी स्पष्ट तौर पर मानना है कि जाधव से निर्बाध तरीके से मुलाकात का प्रस्ताव ही स्वीकार होगा। किसी भी तरह की बंदिश स्वीकार नहीं की जाएगी।

ज्ञात रहे  कि भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला आने के तुरंत बाद ही पाकिस्तान से आग्रह किया था कि उस फैसले के सही संदर्भ में हर कदम उठाया जाना चाहिए। इसमें जाधव को राजनयिकों से मुलाकात का मुद्दा सबसे अहम है क्योंकि इसी से आगे जाधव के खिलाफ पाकिस्तान में चलाए जा रहे कानूनी प्रक्रिया को लेकर भारतीय पक्षकार रणनीति बना सकेंगे।

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