एफएटीएफ की काली सूची से बचने को पाकिस्तान ने आतंकियों पर बोला झूठ, जैश के सरगना के लिए की गलतबयानी
रिपोर्ट के अनुसार जैश का सरगना आतंकियों का प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। साथ ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अन्य प्रांतों में सभाएं कर रहा है। आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए नकद जुटा रहा है और आतंकियों की भर्ती भी कर रहा है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को पाकिस्तान को अक्टूबर में होने वाले सत्र में काली सूची में डाल देना चाहिए क्योंकि उसने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के नेता मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में उसने गलत जानकारी दी है। उसका दावा है कि मसूद अजहर के खिलाफ कोई जानकारी नहीं है और वह लापता है।
हालांकि जिहादी मीडिया में जिहाद की वकालत करने वाला आतंकी मसूद अजहर का एक आर्टिकल छपने के बाद पाकिस्तान का यह आग्रह भी खारिज हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार जैश का सरगना आतंकियों का प्रशिक्षण शिविर चला रहा है। साथ ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अन्य प्रांतों में सभाएं कर रहा है। आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए नकद जुटा रहा है और आतंकियों की भर्ती भी कर रहा है।
कराची व बहावलपुर के मदरसों में भी जारी हैं आतंकी गतिविधियां
पिछले कुछ महीनों में गुलाम कश्मीर में यह आतंकी संगठन बैठकें कर रहे हैं। आतंकियों ने नियंत्रण रेखा पार की है और कश्मीर व दिल्ली में आत्मघाती हमले करने की धमकी दी है। कराची व बहावलपुर के मदरसों में भी आतंकी गतिविधियां जारी हैं।
जानिए किसके लिए काम करता है एफएटीएफ
बता दें कि एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को दुरुपयोग से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की कमजोरियों की पहचान करने के लिए काम करता है। अक्टूबर 2001 में एफएटीएफ ने मनी लान्ड्रिंग के अलावा आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयासों को शामिल किया। वर्ष 2012 में इसकी कार्यसूची में सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण का मुकाबला करने के प्रयासों को जोड़ा गया। इसके अलावा मनी लान्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की तकनीकों को खत्म करने की उपायों की समीक्षा करता है।
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