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FATF ग्रे लिस्ट से यदि हटा पाक तो दुनिया भर के आतंकी मनाएंगे जश्न: एक्सपर्ट

पाकिस्तान का नाम FATF के ग्रे लिस्ट से हटने को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई और कहा कि इससे दुनिया भर में आतंंकियोंं के बीच खुशी की लहर होगी। राजनीतिक विशेषज्ञ रोगन ने कहा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की असफलताओं की कीमत वहां की निर्दोष मु्स्लिम जनता चुकाएगी।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 04:01 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 04:01 PM (IST)
FATF ग्रे लिस्ट से यदि हटा पाक तो दुनिया भर के आतंकी मनाएंगे जश्न: एक्सपर्ट
FATF लिस्ट से पाक का नाम हटने से आतंकियों को होगी खुशी

वाशिंगटन, एएनआइ। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force, FATF) की गुरुवार को होने वाली बैठक में पाकिस्तान के भविष्य का फैसला होगा। राजनीतिक विशेषज्ञ टॉम रोगन (Tom Rogan) ने इस पर कहा है कि यदि इस्लामाबद को ग्रे लिस्ट से हटा दिया जाता है तो दुनिया में आतंकियों का बोलबाला हो जाएगा, वे जश्न मनाएंगे। रोगन ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की असफलताओं की कीमत वहां की निर्दोष मु्स्लिम जनता चुकाएगी। इमरान खान बयानबाजी करते रहते हैं जिसका परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है। ' 

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दुनिया भर में आतंकी को वित्त पोषण के लिए पाकिस्तान की निंदा होती है। FATF के सामने पाकिस्‍तान इस बात की कोशिश कर रहा है क‍ि उसका नाम ग्रे लिस्‍ट से बाहर हो जाए। मीटिंग में पाक की कोशिशों पर विचार किया जाएगा। वाशिंगटन एक्‍जामिनर में पाक की ग्रे लिस्टिंग के बारे में रोगन ने आलेख लिखा जिसमें बाइडन प्रशास से कहा गया है क‍ि वो सलाह दिया गया है क‍ि बाइडन प्रशासन को संगठन के भीतर एफएटीएफ और अमेरिकी सहयोगियों पर सभी आवश्यक दबाव डाले ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवाद के वित्तपोषण और पाक के लिंक में सुधार का रिकॉर्ड पता चले। हालांकि पाकिस्‍तान की गतिविधियों से यह स्‍पष्‍ट है कि यह अब तक आतंक के वित्‍तीय मदद देने के अपने रवैये में सुधरा नहीं है। 

एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे वित्तीय मामलों में दखल देते हुए तमाम देशों के लिए गाइडलाइन तय करती है। ब्लैकलिस्ट में उन देशों को रखा जाता है जो आतंकवाद को वित्तीय तौर पर बढ़ावा दे रहे हैं। वैश्विक निगरानी संस्था पाकिस्तान को रखे गए ग्रे-लिस्ट पर गौर करेगी। बताया जा रहा है कि बेहद सख्त निगरानी पाकिस्तान पर रखी गई है और अगर अभी भी कोई खामी देखी गई तो देश के लिए काफी परेशानी होने वाली है। बता दें कि पाक को 2018 में ग्रे-लिस्ट में रखा गया था। 

एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने 2020 में अक्टूबर महीने की समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि आतंकी संस्‍थाओं को वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों में 'बहुत गंभीर कमियां थीं'। ग्रीक सिटी टाइम्स ने सूचना दी थी कि पाकिस्‍तान को इन मुद्दों को हल करने के लिए फरवरी 19-21 तक का समय दिया है, क्योंकि वे हमेशा के लिए इंतजार नहीं कर सकते।


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