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FATF की ग्रे लिस्‍ट से निकलने के लिए पाक की बड़ी साजिश, कहां होगा जैश और लश्‍कर का नया ठिकाना, चिंतित हुआ भारत

भारत को भी यह भय सताने लगा है कि तालिबान आतंकी उन इलाकों में अपना पैर जमा सकते हैं जहां पर उनका शासन नहीं है। इस कार्य को पाकिस्‍तान की सरकार अंजाम देने में जुटी है। आखिर ऐसा पाकिस्‍तान क्‍यों कर रहा है। इसके पीछे क्‍या है उसकी बड़ी योजना।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:06 PM (IST)
FATF की ग्रे लिस्‍ट से निकलने के लिए पाक की बड़ी साजिश, कहां होगा जैश और लश्‍कर का नया ठिकाना, चिंतित हुआ भारत
FATF की ग्रे लिस्‍ट से निकलने के लिए पाकिस्‍तान रच रहा है बड़ी साजिश। फाइल फोटो।

काबूल, एजेंसी। आतंकवादी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा का अफगानिस्‍तान में दस्‍तक भारत के लिए चिंता का व‍िषय हो सकता है। अफगानिस्‍तान ने भारत को चेताया है कि खुंखार आतंकवादी संगठन लश्‍कर अपना ठिकाना अफगानिस्‍तान बना रहा है। भारत की यह चिंता तब और बढ़ जाती है, जब तालिबान ने अफगानिस्‍तान के आधे इलाकों पर कब्‍जा कर लिया है। भारत को भी यह भय सताने लगा है कि तालिबान आतंकी उन इलाकों में अपना पैर जमा सकते हैं, जहां पर उनका शासन नहीं है। इस कार्य को पाकिस्‍तान की सरकार अंजाम देने में जुटी है। जानें आखिर ऐसा पाकिस्‍तान क्‍यों कर रहा है। इसके पीछे क्‍या है उसकी बड़ी योजना।

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एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट से निकलने की पाक योजना

पाकिस्‍तान एक साजिश के तहत खुद इस काम को अंजाम देने में जुटा है। अफगानिस्‍तान के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्‍तान सभी अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी गुटों को उत्‍तरी और दक्षिणी वजीरिस्‍तान से अपनी धरती से हटाना चाहता है। वह उन आतंकी संगठनों को अफगानिस्‍तान भेजना चाहता है। पाकिस्‍तान सरकार की यह कोशिश है कि ऐसा करके वह एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट से निकल जाएगा। अफगानिस्‍तान सरकार ने भारत को चेताया है कि पाकिस्‍तानी आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा अपना ठिकाना पाकिस्‍तान से हटाकर अफगानिस्‍तान में बना रहा है। एक की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान अधिकारियों ने भारत को इसकी में सूचना दी है। इसमें खासतौर पर लश्‍कर और जैश-ए-मोहम्‍मद के बारे में जिक्र किया गया है।

तालिबान के लश्‍कर और जैश के साथ गहरे रिश्‍ते

अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्‍व के बीच अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने खुलेआम पाकिस्‍तान की निंदा की थी। उन्‍होंने दावा किया है कि पिछले महीने ही 10 हजार आतंकवादी पाकिस्‍तान से अफगानिस्‍तान में प्रवेश किए हैं। खास बात यह है कि उनका यह बयान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने उज्‍बेकिस्‍तान में दिया था। यही नहीं एक अन्‍य बयान में गनी ने कहा कि तालिबान के आतंकी संगठनों लश्‍कर, जैश और अलकायदा के साथ गहरे संबंध हैं।

अफगान को आतंकियों का स्‍वर्ग बनाने का सपना देख रहा है तालिबान

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने कहा कि तालिबान अफगानिस्‍तान को आतंकियों के लिए स्‍वर्ग बनाने का सपना देख रहा है। गनी ने कहा कि अफगान सरकार इसे कदापि होने नहीं देगी। उन्‍होंने कठोरता से कहा कि वह तालिबान से निपटने के लिए अफगान स्‍पेशल अभियान बल को हर जरूरी सहायता मुहैया कराते रहेंगे। उनका यह बयान इसलिए अहम है क्‍योंकि अफगानिस्‍तान में मारे गए कई आतंकियों के पास से पाकिस्‍तानी आईडी कार्ड मिले हैं। यही नहीं तालिबानी आतंकियों का पाकिस्‍तान के अस्‍पतालों में इलाज चल रहा है।

तालिबान की शांति वार्ता की कोई इच्‍छा नहीं

गनी ने पिछले दिनों कहा था कि तालिबान की शांति वार्ता की कोई इच्‍छा नहीं है। अफगान सरकार अब आगे चलकर तालिबान की इसी इच्‍छा के मुताबिक फैसला करेगी। उन्‍होंने कहा था कि तालिबान की हरकतों ने इसे प्रमाणित कर दिया है कि उनके अंदर शांति की कोई इच्‍छा नहीं है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि ताल‍िबान ने सरकार की 260 इमारतों को नष्‍ट कर दिया है। अगर वे अफगान हैं तो उन्‍हें जनता के घरों को नष्‍ट करने से परहेज करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमने पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा किया, लेकिन वे अब भी शांति नहीं चाहते हैं।


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