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पाकिस्तान में महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न, चारों तरफ डर का माहौल

पाकिस्तान आए दिन नई मुश्किलों का सामना करता हुआ सुनाई देता है। पिछले सप्ताह विश्व रिपोर्ट 2022 में ह्यूमन राइट्स वाच (HRW) ने एक खुलासा किया है जिसमें पाकिस्तान में नागरिक स्वतंत्रता की एक धूमिल तस्वीर स्पष्ट रूप से दिखाई गई है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:11 AM (IST)
पाकिस्तान में महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न, चारों तरफ डर का माहौल
पाकिस्तान को महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ करना पड़ रहा है भेदभाव और उत्पीड़न का सामना

न्यूयार्क, एएनआइ। पाकिस्तान आए दिन नई मुश्किलों का सामना करता हुआ सुनाई देता है। पिछले सप्ताह विश्व रिपोर्ट 2022 में, ह्यूमन राइट्स वाच (HRW) ने एक खुलासा किया है, जिसमें पाकिस्तान में नागरिक स्वतंत्रता की एक धूमिल तस्वीर स्पष्ट रूप से दिखाई गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बताया गया है कि पाकिस्तान में महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और ट्रांसजेंडर लोगों को हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

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क्या कहती है रिपोर्ट

ह्यूमन राइट्स वाच (HRW) की विश्व रिपोर्ट 2022 के अनुसार, पाकिस्तान सरकार के प्रयासों में कमी की बात कही गई है, जिसके चलते देश की सरकार

कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यातना और अन्य गंभीर दुर्व्यवहारों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए बहुत कम प्रयास कर रही है।

HRW‌ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामी उग्रवादियों द्वारा समय-समय पर हिंसा और प्रदर्शन करना विशेष रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा किए गए हमलों में देश को भारी क्षति पहुंची, जिसमें कानून प्रवर्तन अधिकारियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर दर्जनों लोग मारे गए थे।

डर का माहौल

देश में चारों तरफ डर का माहौल है सरकारी सुरक्षा बलों और उग्रवादी समूहों दोनों द्वारा की जा रही हिंसा और दुर्व्यवहार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसे कोई भी मीडिया नहीं दिखा रही। देश कितनी बड़ी समस्या मीडिया कवरेज से कोसों दूर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'मीडिया आउटलेट सरकारी संस्थानों या न्यायपालिका की आलोचना नहीं करने के लिए अधिकारियों के दबाव में आ गए हैं। 2021 में कई मामलों में, सरकारी नियामक एजेंसियों ने केबल आपरेटरों और टेलीविजन चैनलों को अवरुद्ध कर दिया था, जिन्होंने महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रसारित किए थे।'

वहीं आतंकवादी समूहों और इस्लामी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) ने अहमदियों पर 'मुसलमानों के रूप में प्रस्तुत करने' का आरोप लगाता है, तो पाकिस्तान दंड संहिता भी 'मुसलमानों के रूप में प्रस्तुत करने' को एक दंडनीय अपराध मानता है ।

ऐसी होती हैं घटनाएं

पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन, सेंटर फार सोशल जस्टिस के अनुसार , 1987 और फरवरी 2021 के बीच पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत कम से कम 1,855 लोगों को आरोपित किया जा चुका है। आरोपों में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा - बलात्कार, घरेलू हिंसा सहित , हत्या, एसिड हमले

और जबरन विवाह - पूरे पाकिस्तान में शामिल हैं।

वहीं मानवाधिकार रक्षकों का अनुमान है कि जबरन आनर किलिंग में हर साल लगभग 1 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। इसके साथ ही पाकिस्तान में सालों से बाल विवाह एक गंभीर समस्या बनी हुई है। 


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