पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ बोलने वाले हाईकोर्ट जज बर्खास्त
भ्रष्टाचार के मामले में 1973 में लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शौकत अली को हटाने के बाद एसजेसी द्वारा हटाए गए सिद्दीकी दूसरे न्यायाधीश हैं।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आइएसआइ का कितना प्रभाव है, इसका एक ओर उदाहरण सामने आया है। आइएसआइ के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने हाईकोर्ट के एक जज को बर्खास्त कर दिया।
पाक राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गुरुवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश को बर्खास्त कर दिया। बता दें कि एक उच्च-स्तरीय संवैधानिक निकाय ने देश की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के खिलाफ सख्त टिप्पणी करने के लिए उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी। सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शौकत अजीज सिद्दीकी को हटाने की सिफारिश की थी। वह आइएसआइ को निशाने पर लेने वाले अपने विवादित भाषण को लेकर आरोप का सामना कर रहे थे।
भ्रष्टाचार के मामले में 1973 में लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शौकत अली को हटाने के बाद एसजेसी द्वारा हटाए गए सिद्दीकी दूसरे न्यायाधीश हैं। यही वजह है कि कोई भी जज पाकिस्तान में आइएसआइ पर टिप्पणी करने से पहले दस बार सोचता है। सिद्दीकी की बर्खास्ती के बाद पाक न्याय व्यवस्था की आइएसआइ के सामने लचरता एक बार फिर सामने आ गई है।
सिद्दीकी ने की थी ये टिप्पणी
दरअसल, मामला इस साल जुलाई का है। रावलपिंडी जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करने के दौरान न्यायमूर्ति सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि आइएसआइ अपने हिसाब से निर्णय पाने के लिए न्यायाधीशों के पैनल के गठन संबंधी न्यायिक कार्यवाही में हेरफेर कर रही है। पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश से इस बयान पर संज्ञान लेने के लिए कहा था। उससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सिद्दीकी के विरुद्ध आरोपों को खारिज कर दिया था।